बहू-बेटे की हैवानियत : पिता संग कैंसर पीड़ित मां को घर से निकाला

पश्चिमी सिंहभूम जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने समाज और मानवता दोनों को शर्मसार कर दिया है। चक्रधरपुर के झुमका मोहल्ला, सज्जन गली निवासी 65 वर्षीय अर्जुन प्रताप साव और उनकी 55 वर्षीय पत्नी शकुंतला देवी अपने ही बेटे और बहू की प्रताड़ना से परेशान होकर मंगलवार को नगर के बीचोंबीच धरने पर बैठ गए।

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पीड़ित दंपति ने बताया कि उनका बड़ा बेटा आलोक साव और बहू सुषमा लंबे समय से उनके साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं। वे आए दिन मारपीट करते हैं और मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। इतना ही नहीं, दंपति पर घर खाली करने का दबाव भी डाला गया और अंततः उन्हें बेदखल कर दिया गया। इस वजह से उन्हें खुलेआम चौक-चौराहे पर बैठकर न्याय की गुहार लगानी पड़ी।

 

सबसे बड़ी पीड़ा यह है कि शकुंतला देवी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं। बीमारी की स्थिति में जहां उन्हें बेटे-बहू की देखभाल और सहारे की जरूरत थी, वहीं उन्हें अपमान और उत्पीड़न सहना पड़ रहा है। इस अमानवीय व्यवहार से आहत होकर दोनों पति-पत्नी समाज और प्रशासन के सामने मदद की गुहार लगाने को विवश हो गए।

 

धरने पर बैठे दंपति को देखकर आसपास के लोग भी स्तब्ध रह गए। धीरे-धीरे भीड़ जुट गई और लोगों ने संवेदना व्यक्त की। कई लोगों ने कहा कि ऐसे समय में बेटा और बहू अगर माता-पिता को सहारा देने के बजाय प्रताड़ना करें तो यह पूरे समाज के लिए शर्मनाक स्थिति है।

 

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन हरकत में आया। अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर दंपति से बातचीत की और मामले की जांच शुरू करने का भरोसा दिलाया। पुलिस ने भी आरोपों की जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

 

यह मामला न केवल प्रशासन के लिए बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए चिंता का विषय है। आज जब बुजुर्ग माता-पिता अपने बच्चों की परवरिश कर जीवन का लंबा सफर तय करने के बाद सहारे की उम्मीद रखते हैं, वहीं वृद्धावस्था में उन्हें अपने ही बच्चों से अपमान और प्रताड़ना का सामना करना पड़े तो यह एक गहरी सामाजिक विडंबना है।

 

पीड़ित अर्जुन प्रताप साव और शकुंतला देवी ने कहा कि वे केवल सम्मानजनक जीवन जीना चाहते हैं और इसके लिए प्रशासन से न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं।