छात्रों के लिए बड़ी राहत: पूर्वी सिंहभूम के 42 स्कूल होंगे प्लस टू में अपग्रेड

पूर्वी सिंहभूम जिले के हजारों छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षा विभाग ने राहत भरी पहल की है। जिले के 42 सरकारी उच्च विद्यालयों को प्लस टू स्तर तक अपग्रेड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) कार्यालय को सभी प्रखंडों से विद्यालयों की सूची प्राप्त हो चुकी है, जिसे अब जिला शिक्षा स्थापना समिति की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। समिति की स्वीकृति मिलने के बाद प्रस्ताव माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को भेजा जाएगा। मंजूरी मिलते ही अगले शैक्षणिक सत्र से इन विद्यालयों में इंटरमीडिएट स्तर की पढ़ाई शुरू हो जाएगी।

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प्रखंडवार सूची
इस प्रस्तावित सूची में चाकुलिया और घाटशिला प्रखंड से सर्वाधिक 9-9 विद्यालयों का चयन हुआ है। पोटका से 6, मुसाबनी से 5, जमशेदपुर और धालभूमगढ़ से 4-4, पटमदा और बोडाम से 3-3 तथा गुड़ाबांदा से 2 विद्यालयों को प्लस टू स्तर पर अपग्रेड करने का प्रस्ताव भेजा गया है।

क्यों लिया गया यह निर्णय?
गौरतलब है कि इस वर्ष से राज्य सरकार ने कॉलेजों में इंटरमीडिएट स्तर की पढ़ाई बंद कर दी है। इसके चलते छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को निजी संस्थानों में ऊँची फीस देकर दाखिला लेना पड़ा, वहीं सरकारी प्लस टू विद्यालयों में नामांकन संख्या अचानक दोगुनी हो गई। इस दबाव को देखते हुए शिक्षा विभाग ने जिले के कई उच्च विद्यालयों को प्लस टू में उत्क्रमित करने का निर्णय लिया है।

छात्रों को क्या होगा फायदा?
इस पहल से जिले के मैट्रिक पास छात्र-छात्राओं को अब अपने ही प्रखंड या आसपास की पंचायतों में सस्ते और गुणवत्तापूर्ण इंटरमीडिएट स्तर की शिक्षा मिल सकेगी। इससे न केवल उनके अभिभावकों पर आर्थिक बोझ कम होगा बल्कि बच्चों को लंबी दूरी तय कर शहर या निजी संस्थानों में पढ़ाई करने की मजबूरी से भी मुक्ति मिलेगी। साथ ही, सरकारी विद्यालयों में बेहतर आधारभूत सुविधाओं और प्रशिक्षित शिक्षकों की उपलब्धता से शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।

जिले में प्लस टू विद्यालयों की संख्या बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्रों के हजारों विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के नए अवसर मिलेंगे। यह कदम शिक्षा के प्रसार और समान अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।