भुवनेश्वर: मानव संसाधन विकास संस्थान (एमएसवीएस) द्वारा आयोजित कॉरपोरेट-रिसाइक्लर्स कॉन्क्लेव 2025 का भव्य शुभारंभ शनिवार को मैयफेयर लैगून, भुवनेश्वर में हुआ। इसमें उद्योग जगत के दिग्गज, रिसाइक्लिंग क्षेत्र के विशेषज्ञ और प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए। उद्देश्य था – औद्योगिक अपशिष्ट के बेहतर उपयोग और भारत में सर्कुलर इकॉनमी को गति देना।

कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना और दीप प्रज्वलन से हुई। स्वागत भाषण प्रो. रंजीत प्रसाद ने दिया, जबकि उद्घाटन टिप्पणी डॉ. एस. रंगनाथन ने प्रस्तुत की। इस अवसर पर विशेष स्मारिका का विमोचन भी किया गया।
विशिष्ट उद्बोधन:
श्री थोता कृष्णा राव (Re Sustainability Ltd.) ने असंगठित रिसाइक्लर्स के समावेशन और Extended Producer Responsibility (EPR) की अहमियत पर बल दिया।
श्री सुधीर कुमार मेहता (NINL, मुख्य अतिथि) ने सर्कुलर इकॉनमी, प्रकृति संरक्षण और जैव विविधता की रक्षा को साझा जिम्मेदारी बताया।
श्री विनोद कुमार वर्मा (Hindalco) ने कहा कि छोटे प्रयास बड़े बदलाव लाते हैं, और इस कॉन्क्लेव को वेस्ट मैनेजमेंट की दिशा में मील का पत्थर बताया।
डॉ. अरविंद बोधंकर (AMNS) ने विवेकपूर्ण जीवनशैली और सतत विकास की आवश्यकता पर जोर दिया।
तकनीकी और पैनल सत्रों में NINL, Hindalco, AMNS, JSW, Kalyani Steel, NALCO सहित कई अग्रणी कंपनियों ने अपनी अभिनव पहल साझा की। साथ ही Ramkey, Columbia Petrochemicals, Nikita Metals और अन्य रिसाइक्लर्स ने भी भागीदारी की।
शैक्षणिक संस्थानों में IIT भुवनेश्वर, NIT जमशेदपुर, GGU बिलासपुर और कोल्हान विश्वविद्यालय की सक्रिय उपस्थिति रही। इस सहयोग से उद्योग और अकादमिक जगत के बीच सेतु निर्माण को नई दिशा मिली।
निष्कर्ष में, यह तय हुआ कि उद्योगों, शैक्षणिक संस्थानों, स्टार्टअप्स और इको-सिस्टम इनएबलर्स के लिए एक साझा प्लेटफार्म बनाया जाएगा, जहां समस्याएं और समाधान मिलकर साझा किए जाएँगे।
इस आयोजन में हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, टाटा स्टील, AMNS और Re Sustainability Ltd. का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. एस. रंगनाथन, डॉ. रंजीत प्रसाद, डॉ. सुरूची, प्रो. अमर नाथ सिंह, डॉ. रामकृष्ण, डॉ. सरोज सारंगी, श्री एम.एल. विश्वकर्मा और श्री हेमंत जेना का महत्वपूर्ण योगदान रहा।