कोडरमा : ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर नकेल कसने के लिए ई-चालान व्यवस्था लागू की गई थी, ताकि व्यवस्था पारदर्शी और तकनीकी रूप से मजबूत बने। लेकिन कभी-कभी इस प्रणाली में होने वाली गड़बड़ियां आम नागरिकों के लिए परेशानी का सबब बन जाती हैं। ऐसा ही एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है कोडरमा निवासी आनंद कुमार सिंह के साथ।

मामला क्या है?
आनंद कुमार सिंह को हाल ही में बोकारो ट्रैफिक पुलिस की ओर से ₹1000 का ई-चालान भेजा गया। चालान में उल्लेख किया गया कि उन्होंने बाइक चलाते समय हेलमेट नहीं पहना था। दिलचस्प बात यह है कि चालान में वाहन का प्रकार ‘कार’ लिखा हुआ था, जबकि उसमें संलग्न फोटो में एक बाइक दिखाई दे रही थी। यह विरोधाभास न केवल सिस्टम की खामी को उजागर करता है बल्कि आम जनता के लिए परेशानी भी खड़ी करता है।
कार घर पर, मालिक हजारीबाग में
आनंद कुमार सिंह ने बताया कि जिस तारीख और समय पर यह चालान काटा गया, उस समय वे हजारीबाग में मौजूद थे। उनकी कार घर पर खड़ी थी और किसी भी हालत में बाइक चलाने की स्थिति में नहीं थी। उन्होंने इस तथ्य को साबित करने के लिए यात्रा से जुड़े साक्ष्य भी प्रस्तुत किए। इसके बावजूद चालान सीधे उनके नाम पर भेज दिया गया।
शिकायत दर्ज, कार्रवाई अब तक नहीं
इस गड़बड़ी को लेकर आनंद कुमार ने तुरंत ही क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने अधिकारियों को बताया कि यह तकनीकी त्रुटि है और उनके नाम पर भेजा गया चालान रद्द किया जाना चाहिए। लेकिन अब तक उनकी शिकायत पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
व्यवस्था पर उठे सवाल
यह घटना ई-चालान प्रणाली की कार्यप्रणाली और निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े करती है। ट्रैफिक नियमों का पालन कराना आवश्यक है, लेकिन अगर निर्दोष लोगों को गलत चालान भेजा जाए तो यह न केवल अन्यायपूर्ण है बल्कि जनता का विश्वास भी कमजोर करता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस को ऐसे मामलों में अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए और तकनीकी त्रुटियों को तत्काल सुधारना चाहिए। वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि ऑटोमेटिक चालान प्रणाली में मानव पर्यवेक्षण की कमी ही ऐसे मामलों का मुख्य कारण है।
फिलहाल आनंद कुमार सिंह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उनकी शिकायत पर जल्द ही सुनवाई होगी और उन्हें इस अनचाहे चालान से राहत मिलेगी।