रांची : झारखंड में पिछले ढाई साल से लंबित नगर निकाय चुनाव को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। पिछड़ा वर्ग आयोग ने शुक्रवार को बहुप्रतीक्षित ट्रिपल टेस्ट की फाइनल रिपोर्ट नगर विकास विभाग को सौंप दी है। आयोग के सदस्य नंदकिशोर मेहता ने रिपोर्ट सौंपे जाने की पुष्टि की। वहीं, राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर अलका तिवारी की नियुक्ति भी कर दी गई है। इन दोनों महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं के पूरे होने से अब राज्य में निकाय चुनाव कराने का रास्ता लगभग साफ हो गया है और चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है।

नगर विकास विभाग के अनुसार, सरकार दिसंबर 2025 से जनवरी 2026 के बीच नगर निकाय चुनाव करा सकती है। हालांकि, ट्रिपल टेस्ट रिपोर्ट की समीक्षा कार्मिक, विधि एवं वित्त विभाग द्वारा की जाएगी और फिर कैबिनेट से अनुमोदन के बाद राज्य निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा। इसके बाद आयोग मतदाता सूची जारी करेगा और आरक्षण की अंतिम स्थिति स्पष्ट की जाएगी। माना जा रहा है कि यह प्रक्रिया नवंबर मध्य तक पूरी हो जाएगी।
48 निकायों के लिए बना आधार
राज्य के सभी 48 नगर निकायों में पिछड़ा एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग मतदाताओं का डोर-टू-डोर सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की गई है। फाइनल रिपोर्ट बनाने का कार्य संत जेवियर कॉलेज को दिया गया था, जिसे 21 अगस्त को आयोग को सौंपा गया था। इसी रिपोर्ट के आधार पर निकायों में आरक्षण तय किया जाएगा।
चुनाव टलने से खतरे में थी अनुदान राशि
मार्च 2026 तक निकाय चुनाव कराना राज्य सरकार के लिए अनिवार्य है। चुनाव में देरी के कारण केंद्र से मिलने वाली करीब 2000 करोड़ रुपए की अनुदान राशि पर संकट था। 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने साफ कहा था कि तय समय सीमा में चुनाव नहीं होने पर 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत तीन वित्तीय वर्ष की राशि राज्य को नहीं मिलेगी।
चुनाव के बाद मिलेगी राहत
अगर इस साल चुनाव संपन्न हो जाते हैं, तो केंद्र से रोकी गई अनुदान राशि जारी हो जाएगी। यह राशि वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 के लिए 713-713 करोड़ रुपये के अलावा 2025-26 की राशि भी शामिल होगी। इससे नगर निकायों को नागरिक सुविधाओं के लिए बड़ी वित्तीय मदद मिलेगी।