नई दिल्ली/जमशेदपुर : मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मंगलवार को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घाटशिला विधानसभा उपचुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया। बिहार विधानसभा चुनाव के साथ ही झारखंड के घाटशिला सीट पर उपचुनाव 11 नवंबर को संपन्न होगा। वोटों की गिनती 14 नवंबर को की जाएगी और उसी दिन परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।

घोषणा के साथ ही घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। हालांकि शुरुआत में यह चर्चा थी कि आचार संहिता पूरे जिले में लागू होगी या केवल घाटशिला तक सीमित रहेगी। इस पर निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया कि आचार संहिता केवल संबंधित विधानसभा क्षेत्र में ही लागू रहेगी, बाकी जिले पर इसका कोई असर नहीं होगा।
चुनाव कार्यक्रम घोषित होते ही जिला प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। सुरक्षा व्यवस्था की रूपरेखा तैयार की जा रही है और मतदान केंद्रों की समीक्षा का काम भी शुरू हो चुका है। चुनाव आयोग ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मतदान प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से कराई जाए। इसके लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती, संवेदनशील और अति-संवेदनशील बूथों की पहचान तथा सीसीटीवी निगरानी जैसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं।
गौरतलब है कि घाटशिला विधानसभा सीट पर उपचुनाव की आवश्यकता विधायक के निधन (या इस्तीफे) के कारण पड़ी है। इस सीट पर राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी रणनीतियां बनानी शुरू कर दी हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और आजसू पार्टी सहित अन्य दल इस चुनाव को प्रतिष्ठा का प्रश्न मान रहे हैं। स्थानीय मुद्दों जैसे रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और आदिवासी अधिकार इस उपचुनाव में अहम भूमिका निभाने की संभावना है।
विशेषज्ञों का मानना है कि घाटशिला का उपचुनाव न केवल स्थानीय राजनीति को प्रभावित करेगा बल्कि आने वाले झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भी सियासी संकेतक साबित हो सकता है। सभी दल मतदाताओं को लुभाने के लिए मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। आने वाले दिनों में राजनीतिक हलचल और प्रचार अभियान के तेज होने की पूरी संभावना है।