नई दिल्ली/रांची : बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव का क्षेत्र अब एक संभावित चक्रवाती तूफान का रूप लेने जा रहा है। मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है कि यह सिस्टम अगले कुछ दिनों में ‘मोंथा (Montha)’ नामक चक्रवात में तब्दील हो सकता है। इसके प्रभाव से देश के कई राज्यों में भारी बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना जताई गई है। झारखंड में भी इस तूफान का सीधा असर 29 और 30 अक्टूबर को देखने को मिलेगा।

मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना यह डिप्रेशन पिछले कुछ घंटों में पश्चिम दिशा की ओर बढ़ा है। 25 अक्टूबर की सुबह 8:30 बजे यह पोर्ट ब्लेयर से लगभग 440 किमी पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में, विशाखापत्तनम से 970 किमी दक्षिण-पूर्व में, चेन्नई से 970 किमी पूर्व-दक्षिण-पूर्व में और गोपालपुर से लगभग 1040 किमी दक्षिण-दक्षिण-पूर्व में केंद्रित था। अनुमान है कि यह सिस्टम 26 अक्टूबर तक डीप डिप्रेशन में और 27 अक्टूबर की सुबह तक चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा।
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि 28 अक्टूबर की शाम या रात के दौरान यह तूफान आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्र — काकीनाडा के आसपास मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच — जमीन से टकरा सकता है। उस दौरान हवाओं की रफ्तार 90 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंचने की आशंका है। समुद्र में ऊंची लहरें उठने, तटीय इलाकों में जलभराव और मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त सलाह दी गई है।
इस चक्रवात का असर झारखंड में 29 और 30 अक्टूबर को दिखाई देगा। विशेष रूप से संताल परगना और कोल्हान प्रमंडल के जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। राज्य के कुछ इलाकों में वज्रपात और तेज़ हवाओं का खतरा भी बना रहेगा। मौसम विभाग ने इस दौरान किसानों और आम नागरिकों को सतर्क रहने की अपील की है।
रांची मौसम केंद्र के वैज्ञानिकों ने बताया कि चक्रवात के प्रभाव से राज्य का तापमान गिरेगा और ठंडी हवाएं चलने लगेंगी। वहीं, लगातार दो दिनों तक भारी वर्षा से नदी-नालों में जलस्तर बढ़ने की संभावना है। प्रशासन ने संबंधित जिलों को सतर्क रहने, राहत दलों को तैयार रखने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के निर्देश जारी किए हैं।
यह तूफान अगर अपनी अनुमानित दिशा में बढ़ा, तो यह इस साल का भारत के पूर्वी तट पर आने वाला सबसे शक्तिशाली चक्रवात साबित हो सकता है। मौसम विभाग लगातार इसके मार्ग और तीव्रता पर नजर बनाए हुए है।