भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रविवार को इतिहास रचते हुए पहली बार महिला वनडे विश्व कप अपने नाम कर लिया। टीम इंडिया ने फाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर 52 साल पुराने इतिहास में नया अध्याय लिख दिया। यह जीत भारतीय महिला क्रिकेट के लिए मील का पत्थर साबित हुई हैं।

इस मुकाबले में भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। भारत की शुरुआत शानदार रही। ओपनर स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा ने तेजी से रन बनाए और टीम को ठोस आधार दिया। मंधाना ने 84 रन की बेहतरीन पारी खेली, जबकि शेफाली ने 61 रन जोड़े। मध्यक्रम में कप्तान हरमनप्रीत कौर (55 रन) और जेमिमा रोड्रिग्स (43 रन) ने भी जिम्मेदारी से बल्लेबाजी की। भारत ने निर्धारित 50 ओवर में 7 विकेट पर 298 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीकी टीम ने भी शानदार शुरुआत की। कप्तान लौरा वोल्वार्ट ने कप्तानी पारी खेलते हुए 101 रन बनाए, लेकिन दूसरे छोर से लगातार विकेट गिरते रहे। भारतीय गेंदबाजों ने दबाव बनाए रखा, खासकर दीप्ति शर्मा, जिन्होंने अपनी सटीक स्पिन गेंदबाजी से मैच का रुख पलट दिया। उन्होंने 10 ओवर में मात्र 42 रन देकर 4 विकेट झटके। अंततः दक्षिण अफ्रीका की टीम 246 रन पर ऑल आउट हो गई।
भारत की जीत में गेंदबाजी इकाई का शानदार योगदान रहा। दीप्ति शर्मा के अलावा रेणुका ठाकुर और पूजा वस्त्राकर ने 2-2 विकेट लिए।
इस ऐतिहासिक जीत के साथ भारत ने 52 साल बाद पहली बार महिला वनडे विश्व कप ट्रॉफी अपने नाम की। पहला महिला वनडे विश्व कप साल 1973 में खेला गया था, लेकिन तब से अब तक भारत इस खिताब से दूर था।
जीत के बाद पूरे देश में जश्न का माहौल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, खेल मंत्री, बीसीसीआई अध्यक्ष सहित देशभर के लोगों ने टीम इंडिया को बधाई दी। सोशल मीडिया पर #WomenInBlue और #WorldChampions ट्रेंड कर रहे हैं।
इस ऐतिहासिक जीत ने भारतीय महिला क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। यह सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि उन करोड़ों भारतीयों के सपनों की पूर्ति है जो सालों से इस पल का इंतजार कर रहे थे। टीम इंडिया की यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी। 🇮🇳🏆