सऊदी अरब हादसे में मारे गए तेलंगाना के लोगों के अंतिम संस्कार पर मंत्रिमंडल का बड़ा फैसला

हैदराबाद: सऊदी अरब में हुए भीषण सड़क हादसे में तेलंगाना के कई नागरिकों की मौत के बाद राज्य सरकार ने देर रात महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सोमवार को हुई मंत्रिमंडल की आपात बैठक में यह तय किया गया कि सभी मृतकों का अंतिम संस्कार सऊदी अरब में ही उनके धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार कराया जाएगा। सरकार ने यह भी घोषणा की कि प्रत्येक मृतक के परिवार से दो सदस्य सऊदी अरब भेजे जाएंगे, ताकि वे अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में शामिल हो सकें और अपने प्रियजनों को अंतिम विदाई दे सकें।

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सरकारी अधिकारियों के अनुसार यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि सऊदी अरब में शवों की वापसी की प्रक्रिया बेहद कठिन, लंबी और कई औपचारिकताओं से भरी होती है। कई बार अनुमति मिलना लगभग असंभव होता है। इसी वजह से राज्य सरकार ने स्थानीय कानूनों को ध्यान में रखते हुए अंतिम संस्कार वहीं कराने का निर्णय लिया है।

 

हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि परिजनों को तीन विकल्प दिए जा सकते हैं—

 

1. शव को भारत वापस लाना

2. सऊदी अरब में स्थानीय कब्रिस्तान में दफनाना

3. मदीना के प्रसिद्ध जन्नतुल बकी कब्रिस्तान में दफनाना

 

लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि सऊदी कानून के तहत शवों की रिपैट्रिएशन बेहद जटिल प्रक्रिया है और ऐसा केवल बेहद खास परिस्थितियों में ही संभव होता है। इसलिए अधिकांश मामलों में शवों को वहीं दफनाया जाता है।

 

दूसरी ओर, पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिलाना भी बड़ी चुनौती है। सऊदी अरब में सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में सरकार की ओर से कोई तत्काल या सीधे तौर पर मुआवजा नहीं दिया जाता। मुआवजा पाने के लिए दो शर्तें अनिवार्य हैं—

1. पुलिस जांच में यह साबित होना चाहिए कि हादसा टैंकर ड्राइवर या संबंधित कंपनी की लापरवाही के कारण हुआ।

2. इसके बाद पीड़ित परिवार को अदालत में औपचारिक दावा दायर करना होगा।

यह पूरी प्रक्रिया कई महीनों तक खिंच सकती है और कई मामलों में सालों तक भी चली जाती है।

राज्य सरकार ने कहा है कि वह विदेश मंत्रालय और सऊदी अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है। तेलंगाना सरकार पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता देने पर भी विचार कर रही है, ताकि विदेश में चल रही कानूनी प्रक्रिया के दौरान उन्हें किसी तरह की आर्थिक परेशानी न हो।

 

दुर्घटना ने तेलंगाना के कई परिवारों को शोक में डुबो दिया है, और अब उनकी उम्मीदें सरकार एवं सऊदी प्रशासन की आगे की कार्यवाही पर टिकी हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले दिनों में जांच और मुआवजे की प्रक्रिया किस दिशा में आगे बढ़ती है।