झारखंड में बार संचालन समय बढ़ाने की तैयारी, अगले साल से सुबह 4 बजे तक मिल सकती है शराब

रांची: झारखंड सरकार राज्य के राजस्व को बढ़ाने के उद्देश्य से शराब नीति में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। उत्पाद विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसके तहत राज्य में बार संचालन का समय बढ़ाया जा सकता है। यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो अगले वित्तीय वर्ष से झारखंड के बार सुबह 4 बजे तक खुले रह सकेंगे। इससे न केवल सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी की उम्मीद है, बल्कि बार संचालकों को भी कानूनी रूप से अधिक समय तक कारोबार करने की सुविधा मिलेगी।

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मौजूदा व्यवस्था के अनुसार झारखंड में बार रात 12 बजे तक ही संचालित करने की अनुमति है। हालांकि, कई बार संचालक तय समय के बाद भी बार खुले रखने के आरोप में कार्रवाई की जद में आ जाते हैं। उत्पाद मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने इस संबंध में बताया कि नई व्यवस्था लाने का उद्देश्य अवैध संचालन पर रोक लगाना और समय सीमा को लेकर स्पष्ट नियम बनाना है। प्रस्ताव के अनुसार रात 12 बजे के बाद 1 बजे, 2 बजे, 3 बजे और 4 बजे तक बार खोलने के लिए अलग-अलग समयावधि के लाइसेंस दिए जाएंगे।

 

उत्पाद विभाग का मानना है कि इससे सरकार को अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। हर अतिरिक्त समय सीमा के लिए अलग शुल्क तय किया जाएगा, जिससे राज्य के खजाने में बढ़ोतरी होगी। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, देर रात तक बार खुलने से पर्यटन, होटल और मनोरंजन उद्योग को भी लाभ होगा, क्योंकि बड़े शहरों में देर रात तक मनोरंजन की मांग लगातार बढ़ रही है।

 

हालांकि, इस प्रस्ताव को लेकर सामाजिक स्तर पर बहस भी शुरू हो गई है। कुछ सामाजिक संगठनों और बुद्धिजीवियों का कहना है कि देर रात तक शराब की उपलब्धता से कानून-व्यवस्था की समस्या बढ़ सकती है और अपराध, सड़क दुर्घटनाओं व घरेलू हिंसा जैसी घटनाओं में इजाफा हो सकता है। वहीं, सरकार का तर्क है कि नई व्यवस्था के तहत नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा। नियमों की अनदेखी करने वाले बार संचालकों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा और जरूरत पड़ने पर लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।

 

पुलिस प्रशासन का कहना है कि यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा। खासकर शहरी इलाकों में पेट्रोलिंग बढ़ाने और सीसीटीवी निगरानी को प्रभावी बनाने की योजना है।

 

फिलहाल यह प्रस्ताव विचाराधीन है और कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे लागू किया जाएगा। यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो झारखंड देश के उन राज्यों में शामिल हो जाएगा, जहां बार देर रात तक कानूनी रूप से खुले रहेंगे। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिलने की उम्मीद है, लेकिन इसके सामाजिक प्रभावों पर भी सरकार की नजर रहेगी।