रांची: झारखंड की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था के लिहाज से आज का दिन काफी अहम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आज झारखंड कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी। यह बैठक राजधानी रांची स्थित प्रोजेक्ट भवन में होगी, जिसमें राज्य से जुड़े कई बड़े और जनहित से संबंधित प्रस्तावों पर चर्चा होने की संभावना है।

सूत्रों के मुताबिक, इस कैबिनेट बैठक का सबसे प्रमुख एजेंडा पेसा (पंचायत विस्तार अनुसूचित क्षेत्र) नियमावली से जुड़ा प्रस्ताव हो सकता है। लंबे समय से आदिवासी संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा पेसा नियमावली को प्रभावी रूप से लागू करने की मांग की जा रही है। यदि इस बैठक में पेसा नियमावली को मंजूरी मिलती है, तो यह आदिवासी और अनुसूचित क्षेत्रों के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जाएगा। इससे ग्राम सभाओं को अधिक अधिकार मिलेंगे और स्थानीय स्वशासन को मजबूती मिलेगी।
इसके अलावा बैठक में ग्रामीण विकास से जुड़े कई अहम प्रस्तावों पर भी विचार किया जा सकता है। मनरेगा, पंचायत व्यवस्था को मजबूत करने, ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास और स्थानीय रोजगार सृजन से जुड़े मुद्दों पर फैसले लिए जाने की संभावना है। वहीं, प्रशासनिक सुधार और सरकारी कार्यप्रणाली को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने से जुड़े प्रस्ताव भी कैबिनेट के समक्ष रखे जा सकते हैं।
राज्य सरकार का फोकस खासतौर पर आदिवासी, ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के समग्र विकास पर है। ऐसे में इस बैठक से निकलने वाले निर्णयों का सीधा असर गांवों, पंचायतों और स्थानीय निकायों पर पड़ सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पेसा नियमावली पर फैसला आने से सरकार को आदिवासी समुदाय के बीच एक मजबूत संदेश देने का अवसर मिलेगा।
कैबिनेट बैठक में लिए गए सभी फैसलों की आधिकारिक जानकारी बैठक समाप्त होने के बाद सरकार की ओर से प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सार्वजनिक की जाएगी। फिलहाल राज्य की जनता, सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों की निगाहें इस बैठक पर टिकी हुई हैं, क्योंकि इससे झारखंड की भविष्य की दिशा और नीति निर्धारण पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।