Jamshedpu: रेलवे लाइन पर ट्रेनें आपस में नहीं टकराएं इसके लिए देश की रेल लाइन पर कवच लगाया जा रहा है। यह ऐसी तकनीक है जिससे इंजन को ट्र्रैक किया जाता है। इससे एक ही लाइन पर आ रही ट्रेनें नहीं टकरातीं। कवच को टक्कर रोधी उपकरण भी कहते हैं। बजट में एलान किया गया है कि झारखंड में रेल लाइन पर कवच तकनीक लगाई जाएगी। झारखंड में 1,693 किलोमीटर रेलवे ट्रैक के लिए कवच तकनीक की स्थापना के लिए मंजूरी दी जा चुकी है। टाटानगर समेत पूरे झारखंड में यहां रेल लाइन पर कवच लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे ने बजट पेश होने के बाद देश के पूर्वी हिस्सों में रेलवे के कामों का ब्योरा जारी किया है। इसमें बताया गया है कि झारखंड में रेलवे के लिए इस बजट में 7,306 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। झारखंड में 10 वर्षों में 1,311 किलोमीटर नई रेलवे पटरियां बिछाई गई हैं। झारखंड राज्य को इस बजट में 7,306 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो 2009-2014 के दौरान किए गए 457 करोड़ रुपये के आवंटन से 16 गुना अधिक है। झारखंड में 57 स्टेशनों को अमृत स्टेशनों के रूप में पुनर्विकसित किया जा रहा है, और राज्य में 12 वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। राज्य में ब्रॉड-गेज नेटवर्क का 100% विद्युतीकरण पहले ही पूरा हो चुका है।
केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया, जिसमें भारतीय रेलवे के लिए अभूतपूर्व निवेश का प्रस्ताव रखा गया है। इस बजट के तहत भारतीय रेलवे के लिए 2.52 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का आवंटन किया गया है। इसके अलावा, रेलवे के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए 4.60 लाख करोड़ रुपये और रेलवे की सुरक्षा बढ़ाने के लिए 1.16 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह कदम भारतीय रेलवे के विकास को एक नई दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
राज्यवार बजट आवंटन की घोषणा
माननीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 3 फरवरी 2025 को भारतीय रेलवे के राज्यवार बजट आवंटन की जानकारी मीडियाकर्मियों को दी। इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रेलवे के उच्च अधिकारी भी उपस्थित थे। रेल मंत्री ने विभिन्न राज्यों में रेलवे के बुनियादी ढांचे के पुनरुद्धार के लिए राज्यवार आवंटन और निवेश की घोषणा की। इन घोषणाओं के तहत पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड जैसे राज्यों को विशेष प्राथमिकता दी गई है, जहां रेलवे नेटवर्क में उल्लेखनीय सुधार किए जाएंगे।
पश्चिम बंगाल के लिए 13,955 करोड़ रुपये का आवंटन
इस केंद्रीय बजट में पश्चिम बंगाल के लिए 13,955 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो 2009-2014 के दौरान किए गए 4,380 करोड़ रुपये के आवंटन से तीन गुना अधिक है। पश्चिम बंगाल में 101 स्टेशनों को ‘अमृत स्टेशनों’ के रूप में पुनर्विकसित किया जा रहा है। इन स्टेशनों के पुनर्विकास के साथ-साथ विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में लगभग 68,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल में 9 वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं, और पिछले 10 वर्षों में 1,290 किलोमीटर नई रेलवे पटरियां बिछाई गई हैं।
ओडिशा के लिए 10,599 करोड़ रुपये का ऐतिहासिक आवंटन
ओडिशा राज्य को केंद्रीय बजट 2025-26 में 10,599 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो 2009-2014 के दौरान किए गए 838 करोड़ रुपये के आवंटन से 13 गुना अधिक है। राज्य में 59 स्टेशनों को अमृत स्टेशनों के रूप में पुनर्विकसित किया जा रहा है। ओडिशा में 100% ब्रॉड-गेज नेटवर्क का विद्युतीकरण पूरा हो चुका है, और वर्तमान में राज्य में 6 वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। इसके अतिरिक्त, राज्य में 1,898 किलोमीटर रेलवे ट्रैक के लिए कवच तकनीक की स्थापना के लिए पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। इसके तहत, ओडिशा में रेलवे संपर्क को और सुदृढ़ किया जाएगा।
रेलवे के लिए भविष्य की दिशा
केंद्रीय बजट 2025-26 में रेलवे क्षेत्र के लिए किए गए इस ऐतिहासिक निवेश से भारतीय रेलवे के बुनियादी ढांचे में सुधार के साथ-साथ सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की उम्मीद है। इन निवेशों से न केवल यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा में वृद्धि होगी, बल्कि रेलवे नेटवर्क का विस्तार भी होगा, जिससे देशभर में कनेक्टिविटी में सुधार आएगा। यह बजट भारतीय रेलवे के विकास के नए अध्याय की शुरुआत करेगा।