माँ तो माँ होती है, बेटे की दोनों किडनी फेल हुई तो मां ने किडनी देकर बचाई जान, दी नई जिंदगी

लालपुर के लोअर वर्द्धमान कंपाउंड निवासी सुबोदीप पाल की मां अबिरा पाल। एक सरकारी बैंक में बड़े ओहदे पर कार्यरत सुबोदीप 7 साल पहले कर्नाटक के बैंक में कार्यरत थे। दर्द निवारक दवा अधिक लेने से उनकी दोनों किडनियां खराब हो गईं।

मां अबिरा पाल ने बेटे की जिंदगी बचाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी।

मां अबिरा पाल ने बेटे की जिंदगी बचाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। कई डॉक्टरों से संपर्क किया। बेटे को लेकर वेल्लोर पहुंचीं। वहां डॉक्टरों ने बताया किडनी ट्रांसप्लांट कराना होगा। मां अपनी किडनी देने के लिए तैयार हो गईं। सभी जांच हुई। लेकिन डॉक्टरों ने यह कहते हुए किडनी लेने से इंकार कर दिया कि उनका शुगर लेवल बढ़ा हुआ है, ऐसे में किडनी नहीं ली जा सकती। निराश होकर अबीर पाल रांची लौट आईं। इसके बाद सुबोदीप की स्थिति बिगड़ने लगी तो डायलिसिस शुरू हो गया। लेकिन मां हिम्मत नहीं हारी।

एक वर्ष तक खान-पान में संयम बरता

उन्होंने पूरे एक वर्ष तक खान-पान में संयम बरता। मीठा खाना बंद कर दिया। इसके बाद वर्ष 2020 में बेटे को लेकर दिल्ली स्थित एक बड़े अस्पताल पहुंची। वहां करीब 28 तरह के टेस्ट हुए। सब कुछ सामान्य रहने पर मां की किडनी निकाल कर बेटे में ट्रांसप्लांट किया गया। करीब दो माह तक दिल्ली में रहने के बाद बेटे को सुरक्षित लेकर मां रांची पहुंचीं।