आज के दौर में ऑनलाइन दवाएं खरीदने का चलन तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ ही खतरे भी बढ़ते जा रहे हैं। हालिया रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में करीब 35,000 ऑनलाइन फार्मेसियां अवैध रूप से संचालित हो रही हैं, जो उपभोक्ताओं तक घटिया और खतरनाक दवाएं पहुंचा रही हैं। अमेरिका के ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव की ‘कुख्यात बाजार’ रिपोर्ट में नकली प्रोडक्ट्स के खतरे को लेकर 19 देशों को चिह्नित किया गया है, जिनमें भारत का नाम भी शामिल है।
रिपोर्ट में जिन 36 ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का उल्लेख किया गया है, उनमें से कई एशिया और चीन में स्थित हैं, जो बिना लाइसेंस के दवाओं की बिक्री करते हुए कानून तोड़ रहे हैं। इन अवैध फार्मेसियों पर मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन और सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर दवाएं बेचने के आरोप हैं। इन वेबसाइट्स के डिज़ाइन और दावे देखने में भले ही वैध लगते हों, लेकिन इनमें से अधिकांश प्लेटफॉर्म FDA और यूएस ड्रग इंफोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन से अप्रूव्ड नहीं हैं, जिससे लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरे हो सकते हैं।
अमेरिकी फेडरल अभियोजकों की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत, डोमिनिकन रिपब्लिक और अमेरिका के अवैध दवा विक्रेताओं के नेटवर्क ने जानलेवा सिंथेटिक ओपिओइड्स को सामान्य दवाओं के रूप में पैक कर बेचा, जिससे अगस्त 2023 से जून 2024 के बीच कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई। रिपोर्ट में अलायंस फॉर सेफ ऑनलाइन फार्मेसीज ग्लोबल फाउंडेशन के सर्वे का हवाला देते हुए कहा गया है कि ऑनलाइन दवाएं खरीदने वाले हर चार में से एक अमेरिकी को नकली या हानिकारक दवाइयां मिलीं।
इस संदर्भ में भारत का एक बड़ा B2B मार्केटप्लेस इंडियामार्ट भी सवालों के घेरे में है, जो आज भी कई नकली प्रोडक्ट्स की बिक्री का केंद्र बना हुआ है। FDA और अन्य एजेंसियां लगातार चेतावनी दे रही हैं कि ऑनलाइन दवा खरीदते समय उपभोक्ताओं को बेहद सतर्क रहना चाहिए और केवल लाइसेंस प्राप्त व प्रमाणित फार्मेसियों पर ही भरोसा करना चाहिए।