Jamshedpur: डिमना रोड स्थित एमजीएम मेडिकल कॉलेज परिसर में लगभग 396.69 करोड़ रुपये की लागत से बने 500 बेड के नए अस्पताल की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। हाल की बारिश में अस्पताल की छत से पानी टपकने लगा है, जिससे अस्पताल के गलियारों में पानी जमा हो गया है और फर्श पर फिसलन हो गई है। इससे मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

पानी का रिसाव सिर्फ छत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पीलर और दीवारों के पास भी देखा जा रहा है। सर्जरी, एनेस्थीसिया और नेत्र विभाग सहित कई अहम विभागों के बाहर फर्श पर पानी जमा हो गया है, जिससे न सिर्फ मरीजों को बल्कि डॉक्टरों और अन्य स्टाफ को भी परेशानी हो रही है।
बिल्डिंग का निर्माण कार्य भवन निर्माण विभाग के माध्यम से एलएंडटी कंपनी द्वारा कराया गया है। जबकि साकची स्थित पुराने एमजीएम अस्पताल को अब डिमना स्थित इस नए भवन में शिफ्ट किया जा रहा है। लेकिन अस्पताल शुरू होने से पहले ही निर्माण की खामियां उजागर हो रही हैं, जिससे इसकी गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
अस्पताल की छत से पानी टपकने की सूचना मिली है। जिस भी विभाग में ऐसा हो रहा है, उनके विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया गया है कि वे इसकी लिखित सूचना दें, ताकि विभाग को रिपोर्ट भेजी जा सके और उचित कार्रवाई हो सके। मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल के गलियारों में पानी जमा होने से फर्श पर फिसलन हो गई है, जिससे गिरने का खतरा बढ़ गया है। मरीजों को इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।
निर्माण कंपनी एलएंडटी पर सवाल उठ रहे हैं कि उन्होंने इतनी बड़ी परियोजना में कैसे इतनी बड़ी खामियों को अनदेखा किया। कंपनी की लापरवाही के कारण मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी हो रही है।
अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है। क्या निर्माण कंपनी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा या फिर प्रशासन अपनी ओर से कोई समाधान निकालने की कोशिश करेगा। फिलहाल, मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और अस्पताल की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं।
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। अस्पताल की छत से पानी टपकने और फर्श पर फिसलन होने से मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी हो रही है। निर्माण कंपनी एलएंडटी पर सवाल उठ रहे हैं और प्रशासन से उचित कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।