ईरान ने किया बड़ा हमला: कतर के अमेरिकी बेस पर दागीं 6 मिसाइलें, क्षेत्रीय तनाव चरम पर

मध्य पूर्व एक बार फिर युद्ध की दहलीज पर खड़ा नजर आ रहा है। ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव ने सोमवार को नया मोड़ ले लिया जब ईरान ने कतर और इराक में स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमला किया। सूत्रों के मुताबिक, ईरानी सेना ने कतर की राजधानी दोहा के पास स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर छह मिसाइलें दागीं। यह हमला अमेरिका द्वारा हाल ही में ईरानी ठिकानों पर की गई बमबारी के जवाब में किया गया बताया जा रहा है।

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हमले के विवरण

स्थानीय समयानुसार सोमवार तड़के लगभग 3:45 बजे दोहा में जोरदार धमाकों की आवाजें सुनी गईं। कतर सरकार ने अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि धमाकों के बाद अमेरिकी बेस के आसपास धुएं का गुबार देखा गया और पूरे इलाके को घेर लिया गया है।

एयर डिफेंस सिस्टम एक्टिव

हमले के बाद कतर के एयर डिफेंस सिस्टम को तत्काल एक्टिव कर दिया गया। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ मिसाइलों को हवा में ही इंटरसेप्ट कर लिया गया, लेकिन 2 मिसाइलें अपने लक्ष्य के काफी पास जा पहुंचीं। इससे अमेरिकी और कतरी सैनिकों में अफरा-तफरी मच गई।

ईरान की प्रतिक्रिया

ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए इसे “सैन्य प्रतिरोध की रणनीतिक कार्रवाई” बताया। ईरान के विदेश मंत्री ने बयान जारी कर कहा कि “अमेरिकी आक्रामकता का जवाब देना हमारी संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा की आवश्यकता थी।”

अमेरिकी प्रतिक्रिया

अमेरिकी पेंटागन ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि मिसाइलें “तेहरान के इरादों को दर्शाती हैं और क्षेत्रीय शांति के लिए बड़ा खतरा हैं।” अमेरिकी रक्षा सचिव ने हमले को “उकसावे की कार्रवाई” बताते हुए कहा कि इसका जवाब “कूटनीतिक और सैन्य दोनों स्तरों पर दिया जाएगा।”

क्षेत्रीय और वैश्विक प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की।

नाटो ने कहा कि वह स्थिति की निगरानी कर रहा है और किसी भी आपात स्थिति में अमेरिका का सहयोग करेगा।

सऊदी अरब और यूएई जैसे पड़ोसी देशों ने अपनी सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है।

संभावित प्रभाव

इस हमले ने न केवल खाड़ी क्षेत्र की स्थिरता को खतरे में डाला है, बल्कि वैश्विक ऊर्जा बाजार में भी अस्थिरता की आशंका पैदा कर दी है। कतर एक प्रमुख प्राकृतिक गैस आपूर्तिकर्ता है और युद्ध की स्थिति में सप्लाई चेन बाधित हो सकती है।