सीबीएसई का बड़ा फैसला: अब साल में दो बार होगी 10वीं की बोर्ड परीक्षा

नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। बोर्ड ने घोषणा की है कि वर्ष 2026 से छात्रों को साल में दो बार 10वीं बोर्ड परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य छात्रों पर परीक्षा का दबाव कम करना और उन्हें बेहतर प्रदर्शन के लिए एक और मौका देना है।

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सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने बताया कि इस योजना के तहत पहली परीक्षा हर साल फरवरी में आयोजित की जाएगी, जबकि दूसरी परीक्षा मई महीने में होगी। फरवरी में होने वाली परीक्षा के नतीजे अप्रैल में और मई की परीक्षा के नतीजे जून में घोषित किए जाएंगे।

 

बोर्ड के अनुसार, छात्रों को दोनों परीक्षाओं में शामिल होने का विकल्प रहेगा, लेकिन यह अनिवार्य नहीं होगा। यदि कोई छात्र पहली परीक्षा में संतोषजनक अंक प्राप्त कर लेता है, तो वह दूसरी परीक्षा में न बैठने का विकल्प चुन सकता है। वहीं, जिन छात्रों को अपने अंकों में सुधार करना है, उनके पास मई में दोबारा परीक्षा देने का अवसर रहेगा।

 

सीबीएसई द्वारा तैयार किए गए प्रारंभिक ड्राफ्ट के मुताबिक, पहली चरण की परीक्षाएं 17 फरवरी से 6 मार्च के बीच और दूसरी चरण की परीक्षाएं 5 मई से 20 मई तक आयोजित की जा सकती हैं। बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि दूसरी परीक्षा में छात्र दो भाषाओं में से किसी एक भाषा और तीन विषयों के लिए ही आवेदन कर सकते हैं। इससे छात्रों को अधिक फोकस के साथ तैयारी करने का समय मिलेगा।

 

शिक्षाविदों और अभिभावकों ने इस फैसले का स्वागत किया है, क्योंकि यह छात्रों को तनावमुक्त माहौल में पढ़ाई करने का अवसर देगा। साथ ही, यह नई व्यवस्था विद्यार्थियों के समग्र विकास और आत्मविश्वास को भी बढ़ावा देगी। यह बदलाव 2026 से प्रभावी होगा, इसलिए वर्तमान 9वीं कक्षा के छात्र इस नए परीक्षा ढांचे के पहले बैच में शामिल होंगे। CBSE का यह कदम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के अनुरूप बताया जा रहा है।