रांची: झारखंड में अब रामनवमी, सरहुल, मुहर्रम समेत अन्य पर्वों की शोभायात्राओं के दौरान बिजली कटौती नहीं की जाएगी। झारखंड हाईकोर्ट के निर्देश पर झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) ने इस संबंध में विस्तृत स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी कर दिया है।

अब तक महावीरी पताके, ताजिया और सरना झंडा जैसे ऊंचे प्रतीकों के बिजली तारों से टकराने की आशंका के कारण एहतियातन बिजली काटी जाती थी, जिससे आम लोगों को काफी परेशानी होती थी। लेकिन हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद अब वैकल्पिक सुरक्षा उपायों के साथ बिजली आपूर्ति जारी रहेगी।
SOP के मुख्य बिंदु:
- झांकियों, झंडों और वाहनों की ऊंचाई 4 मीटर (13 फीट) से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- बड़े वाहनों की छत पर झंडे या ऊंची वस्तुएं ले जाना प्रतिबंधित।
- शोभायात्रा मार्ग में बिजली तारों से संपर्क रोकने के लिए समितियों को पर्याप्त वॉलंटियर्स तैनात करने होंगे।
- 24×7 विद्युत नियंत्रण कक्ष की स्थापना, जिसमें अधिकारी और कर्मचारी तैनात रहेंगे।
- रूट में झुके पोल, ढीले तार, ट्रांसफॉर्मर आदि का पहले से रखरखाव सुनिश्चित किया जाएगा।
- ट्रांसफॉर्मर व अन्य विद्युत उपकरणों को चेतावनी चिन्हों व बैरिकेड से घेरा जाएगा।
- उच्च वाहन और ऊंचे प्रतीकों का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
हाईकोर्ट की सख्ती:
हाईकोर्ट ने त्योहारों के दौरान 10 घंटे तक बिजली काटे जाने पर स्वतः संज्ञान लेते हुए JBVNL और राज्य सरकार से जवाब तलब किया था। कोर्ट ने कहा कि गर्मी में बिजली कटने से आम जनता, विशेषकर बुजुर्गों, मरीजों, गर्भवती महिलाओं, बच्चों और परीक्षार्थियों को गंभीर परेशानी होती है। साथ ही व्यापार, अस्पताल और सरकारी सेवाओं पर भी असर पड़ता है।
महाधिवक्ता राजीव रंजन ने वर्ष 2000 में पलामू में ताजिया जुलूस के दौरान करंट लगने से 29 लोगों की मौत का हवाला देते हुए बिजली कटौती की मजबूरी जताई थी। लेकिन अदालत ने स्पष्ट किया कि दुर्घटना की आशंका के चलते किसी प्रक्रिया को रोका नहीं जा सकता। आवश्यक सावधानी और उपाय किए जाने चाहिए।