ईडी की बड़ी कार्रवाई: पूर्व विधायक अंबा प्रसाद और पिता योगेंद्र साव से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी

रांची, 4 जुलाई 2025 — झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार की सुबह एक बार फिर बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। रांची, हजारीबाग और बड़कागांव सहित कुल आठ ठिकानों पर ईडी की टीमों ने एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई पूर्व कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद और उनके पिता पूर्व मंत्री योगेंद्र साव से जुड़े मामलों की जांच के सिलसिले में की जा रही है।

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कहां-कहां हुई छापेमारी?

ईडी की एक टीम रांची के हरमू रोड स्थित किशोरगंज, जबकि दूसरी टीम हजारीबाग जिले के बड़कागांव में सक्रिय रही। बताया जा रहा है कि यह छापेमारी आरकेटीसी ट्रांसपोर्टिंग कंपनी से जुड़ी अनियमितताओं और वित्तीय घोटालों को लेकर की गई है। यह कंपनी झारखंड में बड़े पैमाने पर अवैध ट्रांसपोर्टिंग और खनन गतिविधियों में संलिप्त रही है।

किन लोगों पर है जांच का फोकस?

ईडी की छापेमारी का दायरा अंबा प्रसाद के नजदीकी लोगों तक फैला हुआ है। जिन लोगों के ठिकानों पर दबिश दी गई, उनमें प्रमुख नाम हैं:

संजीव साव (निजी सहायक)

मनोज दांगी

पंचम कुमार

इन सभी के बड़कागांव स्थित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, सभी स्थानों से दस्तावेज और डिजिटल डेटा जब्त किए जा रहे हैं।

पिछली कार्रवाई की पृष्ठभूमि

गौरतलब है कि ईडी ने 18 मार्च 2024 को भी अंबा प्रसाद और उनके परिवार के 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी। उस दौरान: करीब 20 लाख रुपये नकद कई अहम दस्तावेज लीज जमीन पर कब्जे से जुड़े सबूत बरामद किए गए थे। इस छापेमारी का संबंध हजारीबाग में लीज पर मिली बेशकीमती जमीन पर अवैध कब्जा करने के मामले से था।

दर्ज किया गया केस

इन सभी मामलों को लेकर ईडी ने विधायक अंबा प्रसाद और उनके पिता योगेंद्र साव के खिलाफ ईसीआईआर (ECIR) दर्ज किया है। इस एफआईआर की तर्ज पर ही कार्रवाई की जा रही है। रांची, हजारीबाग और मुंबई के ठिकानों को इस जांच के दायरे में शामिल किया गया है।

 

ईडी की इस ताज़ा कार्रवाई ने झारखंड की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। जहां एक ओर इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त कदम माना जा रहा है, वहीं कांग्रेस इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दे रही है। अब देखना होगा कि ईडी की जांच क्या नया मोड़ लेती है और क्या अंबा प्रसाद और उनके परिवार पर कानूनी शिकंजा और कसता है।