सड़क बनी मौत का फंदा, फिर भी टोल वसूली धंधा! अर्जुन मुंडा बोले – ये टोल है या ठगी का खेल?

झारखंड की कोल्हान प्रमंडल की लाइफलाइन कही जानेवाली सरायकेला-चाईबासा टोल रोड की बदहाल स्थिति अब राजनीतिक गलियारों तक गूंजने लगी है। पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने रविवार को सड़क की दुर्दशा पर जमकर नाराजगी जाहिर की और टोल प्लाजा पर टोलकर्मियों की कड़ी क्लास लगा दी।

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पूर्व मुख्यमंत्री जब जर्जर सड़क से गुजरते हुए टोल प्लाजा पहुंचे, तो उन्होंने साफ शब्दों में पूछा – “जब सड़क बनी ही नहीं, तो टोल वसूली किस बात की?” इस पर टोल प्लाजा मैनेजर ने मजबूरी में सरकारी प्रक्रिया का हवाला दे दिया। अर्जुन मुंडा ने नाराजगी जाहिर करते हुए टोल प्रबंधन से शिकायत की प्रतिलिपि भी मंगवाई और मामले में पारदर्शिता की मांग की।

 

बताया जा रहा है कि टोल रोड बनाने की जिम्मेदारी जेआरडीसीएल को दी गई थी, लेकिन आज सड़क गड्ढों का मंजर बन चुकी है। 30 किलोमीटर की इस सड़क पर गिनती नहीं, बल्कि हजारों गड्ढे हैं। बरसात के कारण हालत और भी खराब हो चुकी है। वाहन चालक रोजाना जान हथेली पर लेकर सफर करते हैं।

 

स्थानीय प्रशासन और सरायकेला उपायुक्त द्वारा कई बार जेआरडीसीएल को मरम्मत के निर्देश दिए गए, लेकिन कंपनी बेपरवाह बनी हुई है। जनकल्याण मोर्चा द्वारा मामले को लेकर अनुमंडल न्यायालय में जनहित याचिका भी दायर की गई है। बावजूद इसके अब तक न तो सड़क सुधरी और न ही टोल वसूली रुकी।

 

इस गंभीर स्थिति को देखते हुए अब सवाल यह उठता है कि क्या पूर्व मुख्यमंत्री की दखल के बाद सरकार नींद से जागेगी? क्या टोल वसूली पर रोक लगेगी या यह खेल यूं ही चलता रहेगा?