सड़क है, पुल नहीं! नदी पार खटिया पर गर्भवती – विकास की खुली पोल

झारखंड के खूँटी जिले के अड़की प्रखंड अंतर्गत तोड़ांग पंचायत के सूत्रीकोलोम गांव से एक विकास को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यहां प्रसव पीड़ा से कराह रही एक गर्भवती महिला को खटिया पर लादकर नदी पार कराया गया, क्योंकि सड़क तो बनी है, लेकिन पुल नहीं।

Trulli

जान जोखिम में डालकर नदी पार

गर्भवती सुकरु कुमारी को शुक्रवार सुबह प्रसव पीड़ा शुरू हुई। उनके पति बिरसा नाग और अन्य ग्रामीणों ने उसे खटिया पर लिटाया और चार लोग मिलकर उसे तेज बहाव वाली पथरीली नदी पार कराने लगे। दोनों किनारों पर पक्की सड़क होने के बावजूद पुल न होने के कारण उन्हें यह जोखिम भरा रास्ता अपनाना पड़ा। कई बार पानी में फिसलने की स्थिति भी बनी, लेकिन किसी तरह वे ममता वाहन तक पहुंचे और फिर महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, अड़की पहुंचाया गया।

सड़क बनी, पुल नहीं – अधूरा विकास

स्थानीय लोगों ने बताया कि सरकार ने वर्षों बाद यहां पक्की सड़कें बनवाईं, लेकिन पुल का निर्माण अब तक नहीं हुआ। सूत्रीकोलोम, फटका, नीचे मालुटी, कसमार जैसे दर्जनों गांवों में यही हालात हैं। बरसात में हालत और भी भयावह हो जाते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि पुल की मांग वर्षों से की जा रही है, लेकिन जनप्रतिनिधि और प्रशासन अब तक मौन हैं।

मूक बनता सिस्टम, जोखिम उठाता ग्रामीण

यह घटना न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली, बल्कि बुनियादी ढांचे की अनदेखी को भी उजागर करती है। एक तरफ सरकार जननी सुरक्षा और ममता वाहन जैसी योजनाएं चला रही है, वहीं दूसरी तरफ महिलाओं को खटिया पर ढोकर अस्पताल ले जाना पड़ रहा है।