देशभर में स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते चार दिनों से जहां दिल्ली के कई प्रतिष्ठित स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिल रही थी, वहीं अब बेंगलुरु में 40 से ज्यादा स्कूलों को धमकी भरे ईमेल मिलने से हड़कंप मच गया है।

ईमेल में दावा किया गया है कि स्कूल की कक्षाओं में विस्फोटकों से भरे काले प्लास्टिक बैग छिपाकर रखे गए हैं। साथ ही, मेल में खुद को नुकसान पहुंचाने की बात कहकर भय का माहौल और गहरा किया गया। मेल में लिखा गया – “मुझे अपनी जिंदगी से कोई लगाव नहीं है। मैं आत्महत्या भी कर सकता हूं। कृपया इस ईमेल की एक प्रति मीडिया को दें।”
धमकी “रोडकिल” नामक ईमेल आईडी से भेजी गई, जिसे लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि मेल का डोमेन ब्रिटिश हिंद महासागर क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, जिससे मामला अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम का भी हो सकता है।
स्कूलों में अफरा-तफरी का माहौल
धमकी मिलते ही जिन स्कूलों के नाम सामने आए उनमें एमएस धोनी ग्लोबल स्कूल, सेंट जर्मन अकादमी, आर.आर. नगर और केंगेरी क्षेत्र के अन्य प्रमुख स्कूल शामिल हैं। सेंट जर्मन अकादमी की प्रिंसिपल मोनिका एंटनी ने बताया कि उन्हें यह मेल सुबह 7.45 बजे मिला, उस समय स्कूल में परीक्षाएं चल रही थीं। प्रबंधन ने बिना देर किए पुलिस को सूचित किया।
बेंगलुरु पुलिस की बम निरोधक दस्ते की टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर तलाशी अभियान चलाया, हालांकि कहीं से भी कोई संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई। फिर भी सुरक्षा को देखते हुए कई स्कूलों को अस्थायी रूप से खाली कराया गया।
आंतरिक सुरक्षा पर सवाल
इन लगातार मिलती धमकियों ने देश की आंतरिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर बच्चों की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता है, वहीं दूसरी ओर ऐसे साइबर खतरे यह भी संकेत दे रहे हैं कि देश को नई प्रकार की डिजिटल चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
पुलिस और एजेंसियों की सक्रियता
साइबर सेल और खुफिया एजेंसियां ईमेल की तकनीकी जांच में जुटी हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस मेल की भाषा और पैटर्न पहले भी सामने आए कुछ मामलों से मिलती-जुलती है, जिससे यह अंदेशा जताया जा रहा है कि यह किसी मानसिक रूप से अस्वस्थ या ध्यान आकर्षित करने वाले व्यक्ति का काम हो सकता है। हालांकि अब तक कोई भी बम या विस्फोटक नहीं मिला है, लेकिन इन घटनाओं ने अभिभावकों और स्कूल प्रशासन के मन में चिंता की लहर दौड़ा दी है। एजेंसियां अब इस तरह के मेल भेजने वालों को ट्रैक कर कानूनी कार्रवाई की तैयारी में जुट गई हैं। फिलहाल, सुरक्षा के लिहाज से सभी स्कूलों को अलर्ट रहने की सलाह दी गई है।