बिहार विधानसभा के चल रहे मानसून सत्र में राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल राज्य सरकार ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म यानी इ-कॉमर्स कंपनियों के लिए काम करने वाले डिलीवरी बॉय और अन्य अस्थायी कामगारों के लिए कल्याण बोर्ड का गठन करेगी। वहीं सरकार के द्वारा उनकी दुर्घटना में मृत्यु होने पर 4 लाख और प्राकृतिक मृत्यु पर 2 लाख रूपये की राशि प्रदान की जाएगी। इस योजना के लिए सरकार के तरफ से बिहार प्लेटफॉर्म आधारित (निबंधन, सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण) विधेयक 2025 पारित किया गया है।

मिली जानकरी के अनुसार बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान कर्मचारियों के हित का ख्याल रखते हुए ओवरटाइम की अधिकतम सीमा 75 से बढ़ाकर 144 घंटे किया गया है। जिसमें ओवरटाइम के लिए कर्मचारियों की सहमती लेनी आवश्यक होगी। सीके लिए कारखाना एक्ट 1948 के प्रावधानों में बदलाव किया गया है।
अस्थायी कामगार विधेयक 2025 के बारे में मंत्री संतोष कुमार सिंह ने बताया कि इसके लिए गठित किये जाने वाले कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष विभाग के मंत्री होंगे। जिसमें संबंधित विभागों व प्लेटफॉर्म प्रतिनिधि सदस्य रहेंगे। सभी प्लेटफॉर्म और एग्रीगेटरों को 60 दिनों में पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण के बाद हर अस्थायी कामगारों को एक यूनिक आईडी दी जाएगी। जिसके जरिये वे विभिन्न योजनाओं का लाभ ले सकेंगे। यदि गिग कामगार एक सप्ताह से अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती रहते हैं तो उन्हें 16,000 रुपये और एक सप्ताह से कम भर्ती पर 5,400 रुपये प्रदान किये जायेंगे। वहीं 40 से 60% विकलांगता पर 74,000 से 2।5 लाख रूपये तक की सहायता व महिला कामगारों को मातृत्व लाभ दिया जायेगा।