पटना: डिजिटलीकरण की ओर बढ़ते प्रशासनिक तंत्र को लेकर एक चौंकाने वाली घटना ने सबको हैरान कर दिया है। मसौढ़ी में एक पालतू कुत्ते के नाम पर आवासीय प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया, जिससे प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है। अब इस मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, राजस्व पदाधिकारी मुरारी चौहान और आईटी सहायक राजेश कुमार के खिलाफ मसौढ़ी थाने में एफआईआर दर्ज कर दी गई है। इस लापरवाही को गंभीर मानते हुए पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने घटना का संज्ञान लिया और मामले की जांच के आदेश दिए थे। जांच रिपोर्ट के आधार पर यह सामने आया कि सिस्टम में जानबूझकर गलत सूचनाएं फीड की गई थीं, जिनमें नाम और पता की जगह एक कुत्ते का विवरण दर्ज किया गया था।
आईटी सहायक को सेवा से हटाया गया
जांच के बाद आईटी सहायक राजेश कुमार को तत्काल सेवा मुक्त कर दिया गया है। वहीं, राजस्व पदाधिकारी मुरारी चौहान के खिलाफ विभागीय जांच अब भी जारी है। मामले की प्राथमिकी मसौढ़ी के अंचल अधिकारी द्वारा दर्ज कराई गई थी।
कैसे सामने आया मामला?
यह मामला तब उजागर हुआ जब प्रमाण पत्र की प्रति सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इसमें साफ तौर पर एक कुत्ते का नाम और विवरण आवेदक के रूप में दर्ज था। इससे स्पष्ट हो गया कि डिजिटल प्रमाणन प्रणाली में किसी भी स्तर पर क्रॉस-वेरिफिकेशन या निगरानी नहीं की गई।
प्रशासनिक प्रणाली की पोल खोलता मामला
यह घटना सरकारी व्यवस्था में डिजिटल प्रणाली की कमजोर निगरानी और जवाबदेही की कमी को उजागर करती है। एक ओर जहां सरकार पारदर्शिता और डिजिटलीकरण की बात करती है, वहीं दूसरी ओर इसी प्रणाली का इस तरह मज़ाक उड़ाया जाना चिंता का विषय है।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले से क्या सबक लेता है और भविष्य में ऐसी लापरवाही रोकने के लिए कौन-से कड़े कदम उठाए जाते हैं।