भारतीय फुटबॉल में एक ऐतिहासिक मोड़ आया है। 13 साल के लंबे अंतराल के बाद, एक देसी कोच को भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम की कमान सौंपी गई है। अनुभवी कोच खालिद जमील को 1 अगस्त 2025 से टीम का नया हेड कोच नियुक्त किया गया है।

48 वर्षीय जमील देश के पहले ऐसे भारतीय कोच हैं, जिन्होंने आई-लीग खिताब जीतने वाले पहले भारतीय कोच के रूप में 2017 में आइजॉल एफसी को चैंपियन बनाकर सुर्खियाँ बटोरी थीं। इसके अलावा वह जमशेदपुर एफसी, नॉर्थईस्ट यूनाइटेड, और मुंबई एफसी जैसी टीमों के साथ भी कोचिंग अनुभव जुटा चुके हैं।
खालिद जमील की नियुक्ति AIFF (अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ) की कार्यकारी समिति द्वारा की गई, जिसमें तीन प्रमुख दावेदारों के नाम पर चर्चा हुई। अन्य दो दावेदार थे भारत के पूर्व कोच स्टीफन कॉन्स्टेंटाइन और स्लोवाकिया के अनुभवी कोच स्टेफन टार्कोविक। लेकिन अंत में देशी प्रतिभा पर भरोसा जताते हुए जमील को यह जिम्मेदारी सौंपी गई।
पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रहे जमील के सामने अब एशियन क्वालिफायर्स और सैफ चैंपियनशिप जैसे बड़े टूर्नामेंटों की चुनौती है। फुटबॉल जानकार मानते हैं कि खालिद का अनुभव, भारतीय खिलाड़ियों की समझ और मैदान पर रणनीति की स्पष्टता, टीम को नई दिशा दे सकती है।
AIFF अध्यक्ष कैलाश मित्रा ने इस मौके पर कहा, “खालिद जमील ने देश में क्लब फुटबॉल के स्तर को उठाने में अहम भूमिका निभाई है। हमें भरोसा है कि उनके नेतृत्व में भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर और मजबूती से उभरेगा।” अब देखना होगा कि देसी कोच के नेतृत्व में भारतीय फुटबॉल टीम कितनी ऊँचाई तक पहुँच पाती है। लेकिन एक बात तय है — खालिद की यह नियुक्ति भारतीय फुटबॉल के लिए एक साहसिक और उम्मीदों भरा कदम है।