झारखंड में बारिश को लेकर अलर्ट: मुख्यमंत्री ने डीसी के साथ की बैठक, सभी जिलों को अलर्ट रहने का निर्देश

RANCHI (JHARKHAND): मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने शुक्रवार को झारखंड मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ संवाद किया। इस दौरान राज्य में हो रहे भारी बारिश को देखते हुए उन्होंने अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों से कहा कि शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में जल जमाव की समस्या से आम जनमानस को निजात दिलाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। इसके अलावा उन्होंने सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया कि लोकल अथॉरिटीज के साथ समन्वय स्थापित कर जल जमाव की स्थिति को जल्द से जल्द खत्म करने का प्रयास करें। मौके पर मंत्री डॉ इरफान अंसारी, मुख्य सचिव अलका तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के उपायुक्त उपस्थित रहे।

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नुकसान का आकलन कर भेजें रिपोर्ट

जिलों में इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सड़क, पुल-पुलिया, घर, फसल इत्यादि को हुए नुकसान का आकलन कर राज्य सरकार को तत्काल रिपोर्ट भेजी जाए। जिससे कि प्रभावित लोगों को राहत और मुआवजा देने में किसी तरह का कोई विलंब न हो। मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया कि जिलों में स्थापित कंट्रोल रूम को पूर्ण रूप से सक्रिय रखें। अतिवृष्टि को देखते हुए वाटरफॉल, बराज इत्यादि पर्यटन स्थलों में किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचने के लिए NDRF की टीम के साथ-साथ स्थानीय लोगों का भी सहयोग लें। वाटरफॉल में आवश्यकता के अनुरूप सुरक्षा कर्मी भी तैनात रखें।

जल जमाव वाले क्षेत्रों में करें छिड़काव

मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के उपायुक्त को निर्देश दिया कि शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र जहां जल जमाव की स्थिति है वहां छिड़काव कार्य करें। जिससे कि बीमारियों को नियंत्रित किया जा सके। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि बरसात के मौसम में सर्प दंश (स्नेक बाइट) के भी ज्यादा मामले आते हैं। ऐसे में सभी जरूरी दवाइयां स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध कराए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष मॉनसून की शुरुआत में ही भारी बारिश हो रही है। ऐसे में यह जरूरी है कि बरसात के मौसम में होने वाली समस्याओं से निपटने की पूरी तैयारी पहले से ही रखें। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि भारी बारिश के कारण सड़क, पुल, पुलिया से संबंधित जो भी क्षति पहुंची है उसकी शीघ्र मरम्मत हो। उन्हेंने निर्देश दिया कि किसी भी पुल या ब्रिज के धंसने का एक और मुख्य कारण अवैध बालू निकासी हो सकता है, इसकी भी जानकारी लें तथा ऐसे कार्यों पर अविलंब रोक लगाएं।