जादूगोड़ा: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड आंदोलन के प्रणेता दिवंगत शिबू सोरेन की स्मृति में पूर्व मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन ने एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक ऐलान किया है। जादूगोड़ा में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने घोषणा की कि ‘दिवंगत शिबू सोरेन सेना’ का शीघ्र गठन किया जाएगा।

बाबूलाल सोरेन ने बताया कि यह सेना बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के उन दस जिलों को झारखंड में शामिल कराने के लिए आंदोलन छेड़ेगी, जो ऐतिहासिक और भौगोलिक दृष्टि से झारखंड के हिस्से होने चाहिए थे, लेकिन राजनीतिक कारणों से आज तक शामिल नहीं हो सके।
उन्होंने कहा, “गुरुजी (शिबू सोरेन) का यह सपना अधूरा रह गया था। अब समय आ गया है कि हम उनके अधूरे सपनों को पूरा करें। दिवंगत शिबू सोरेन सेना उसी दिशा में काम करेगी। इससे गुरुजी की आत्मा को शांति मिलेगी।”
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और झारखंड मुक्ति मोर्चा के पुराने कार्यकर्ता शामिल हुए। बाबूलाल सोरेन ने स्पष्ट किया कि यह सेना राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक आंदोलन की अगुवाई करेगी और झारखंडी अस्मिता को फिर से परिभाषित करने का काम करेगी।
राजनीतिक हलकों में हलचल:
इस ऐलान के बाद झारखंड की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बाबूलाल सोरेन के इस कदम से क्षेत्रीय अस्मिता की बहस एक बार फिर उभर सकती है और आने वाले समय में इसका असर झारखंड और पड़ोसी राज्यों की राजनीति पर भी देखने को मिल सकता है।