आज देशभर के 25 करोड़ से अधिक कामगार राष्ट्रव्यापी हड़ताल में हिस्सा लेंगे। इस हड़ताल का असर झारखंड में भी व्यापक रूप से देखने को मिलेगा। बैंक, बीमा, डाक सेवा, कोयला खदान, परिवहन और अन्य क्षेत्रों से जुड़े कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल होंगे। दस केंद्रीय श्रमिक संगठनों और उनके सहयोगी संगठनों ने मजदूर और किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ यह आंदोलन शुरू किया है।

संयुक्त श्रमिक संगठनों ने इस हड़ताल को ‘भारत बंद’ का नाम दिया है। झारखंड में भी भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर लगभग सभी प्रमुख मजदूर संगठन हड़ताल में भाग लेंगे। कोयला, बीड़ी, स्टील, बॉक्साइट, राज्य सरकार, आंगनबाड़ी, बैंक और परिवहन जैसे क्षेत्रों से जुड़े कर्मचारी अपने कार्य बहिष्कार के साथ इस आंदोलन को समर्थन देंगे। कई राजनीतिक दलों ने भी इस आम हड़ताल को नैतिक समर्थन दिया है।
हड़ताल को सफल बनाने के लिए मंगलवार को रांची में सीटू, एटक, इंटक, एक्टू और एचएमएस जैसे संगठनों ने मशाल जुलूस निकाला। लोगों से हड़ताल में सक्रिय भागीदारी की अपील की गई। सीसीएल, बीसीसीएल और ईसीएल जैसी कोयला कंपनियों में मजदूरों को आंदोलन में शामिल करने के लिए गेट मीटिंग और पीट मीटिंग आयोजित की गई। मजदूरों को बताया गया कि केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है।