भास्कर के स्टिंग से हड़कंप, ‘मरीजों को मौत के बाद भी वेंटिलेटर पर रखता हूं’, डॉक्टर बोले- मरीज दीजिए, लाखों कमाएंगे

बिहार के मरीजों का UP के अस्पतालों में सौदा किया जा रहा है। एजेंट्स का सामान्य मरीज भेजने पर टोटल बिल पर 40% और सीरियस मरीजों के लिए 30 हजार रुपए का रेट फिक्स है। वेंटिलेटर पर मरीजों की सांस बढ़ी तो कमीशन भी बढ़ता जाएगा। दवा और जांच के साथ बेड तक के रेट फिक्स हैं। दलालों की सेटिंग ऐसी कि डेड बॉडी को भी घंटों वेंटिलेटर पर रखा जाता है। इसमें छोटे-बड़े प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों के साथ जांच सेंटर्स भी शामिल हैं।

 

भास्कर ने 30 दिनों तक बिहार के बगहा से लेकर UP के गोरखपुर तक पड़ताल की। इस दौरान 10 प्राइवेट हॉस्पिटल संचालक, 1 बिहार सरकार का स्वास्थ्य कर्मी, 1 आशाकर्मी, 5 प्राइवेट हॉस्पिटल मैनेजर और 1 एजेंट हमारे कैमरे पर डील करते हुए रिकॉर्ड हुए।