पटना: भोजपुरी लोक संगीत की मशहूर गायिका देवी ने एक साहसिक और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए बिना शादी किए आधुनिक चिकित्सा पद्धति से सिंगल मदर बनने का फैसला किया है। ऋषिकेश एम्स में देवी ने हाल ही में एक बेटे को जन्म दिया है। इस फैसले के बाद वे न सिर्फ संगीत जगत, बल्कि पूरे समाज में चर्चा का विषय बन गई हैं।

मूल रूप से बिहार के छपरा जिले की रहने वाली देवी के इस निर्णय को उनके परिवार ने भी पूरा समर्थन दिया है। परिवार का कहना है कि बेटी ने हमेशा समाज के सामने एक नई राह पेश की है और यह कदम आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगा। सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीर वायरल होने के बाद लोगों ने सवाल उठाया कि उन्होंने शादी कब की और बच्चे का पिता कौन है। इस पर वरिष्ठ पत्रकार अनूप नारायण सिंह ने स्पष्ट किया कि देवी ने शादी नहीं की है, बल्कि अपनी इच्छा और हिम्मत से यह निर्णय लिया है।
भोजपुरी लोकगायिका देवी का यह कदम महिलाओं के आत्मनिर्णय और स्वतंत्रता की दिशा में एक बड़ा संदेश माना जा रहा है। उनका यह साहसिक निर्णय यह साबित करता है कि महिला की पहचान सिर्फ विवाह और पारिवारिक रिश्तों तक सीमित नहीं है, बल्कि वे अपनी शर्तों पर जीवन जी सकती हैं और अपने सपनों को पूरा कर सकती हैं।
देवी पिछले दो दशकों से भोजपुरी लोकगायन की शुद्ध और सशक्त परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं। जिस दौर में भोजपुरी संगीत पर फूहड़ता और अश्लीलता के आरोप लगते रहे, उस दौर में उन्होंने कभी भी अश्लील या द्विअर्थी गीत नहीं गाए। उनकी गायकी ने उन्हें देश-विदेश में हजारों स्टेज शो तक पहुंचाया और श्रोताओं के दिलों में सम्मान की जगह दिलाई।
भिखारी ठाकुर और महेंद्र मिश्र की लोकधारा को आगे बढ़ाते हुए और पद्मश्री शारदा सिन्हा की तरह भोजपुरी की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजते हुए, देवी अब केवल एक लोकगायिका ही नहीं, बल्कि साहस और नारी शक्ति की नई प्रतीक बन चुकी हैं।
भोजपुरी संगीत जगत की यह बेटी अब समाज को यह संदेश दे रही है कि औरत अपनी राह खुद तय कर सकती है और उसका हर फैसला सम्मान के काबिल है।