झारखंड की राजनीति में बड़ा बदलाव, शिक्षा मंत्री और शिबू सोरेन के निधन से खाली हुई सीटों पर सियासी समीकरण तेज

रांची : झारखंड की राजनीति इन दिनों बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है। शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संरक्षक एवं राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन के निधन से राज्य में कैबिनेट की एक कुर्सी और राज्यसभा की एक सीट खाली हो गई है। इससे सियासी हलचल तेज हो गई है।

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झामुमो सूत्रों के अनुसार, घाटशिला विधायक एवं शिक्षा मंत्री रहे रामदास सोरेन के निधन के बाद उनकी सीट पर उपचुनाव होना है। पार्टी इस उपचुनाव में उनके बड़े बेटे सोमेश चंद्र सोरेन को मैदान में उतार सकती है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व इस कदम के जरिए सहानुभूति लहर और संगठन को मजबूती देने की रणनीति बना रहा है।

वहीं, राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन की खाली हुई सीट को लेकर भी पार्टी के भीतर गहन मंथन जारी है। इस सीट पर किसे उतारा जाए, यह झामुमो के लिए केवल राजनीतिक नहीं बल्कि भावनात्मक और रणनीतिक निर्णय भी होगा। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि शिबू सोरेन की सीट पर पार्टी का फैसला आने वाले विधानसभा चुनावों और झारखंड की राजनीति में बड़ा संदेश देगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि इन दोनों सीटों पर पार्टी के फैसले से झामुमो का भविष्य और संगठनात्मक दिशा तय होगी। एक ओर सहानुभूति वोट को साधने की रणनीति होगी, तो दूसरी ओर राज्यसभा सीट पर बड़ा चेहरा उतारकर पार्टी अपना राष्ट्रीय राजनीतिक संदेश भी देना चाहेगी।