रेलवे का बड़ा फैसला: सामान्य टिकट बुकिंग में अब सीमित वेटिंग लिस्ट, यात्रियों को मिलेगी राहत

भारतीय रेलवे ने आम यात्रियों के लिए एक बड़ा बदलाव करते हुए सामान्य टिकट बुकिंग के नियमों में नई व्यवस्था लागू कर दी है। अब स्लीपर से लेकर एसी तक सभी श्रेणियों में वेटिंग लिस्ट की संख्या सीमित कर दी गई है। रेलवे ने तय किया है कि किसी भी ट्रेन की सामान्य श्रेणी में तय कोटे से सिर्फ 25% अधिक वेटिंग टिकट ही जारी किए जाएंगे। यह नियम धनबाद से चलने और गुजरने वाली ट्रेनों सहित देशभर में सोमवार से प्रभावी हो चुका है।

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रेलवे के इस कदम से यात्रियों को राहत मिलने की उम्मीद है क्योंकि अक्सर ट्रेनों में क्षमता से अधिक यात्रियों के चढ़ने से काफी अव्यवस्था फैलती थी। अब एक बार जब तय कोटे से 25% अधिक वेटिंग टिकट जारी हो जाएंगे तो उस श्रेणी में “नो रूम” दिखने लगेगा।

 

रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (यात्री विपणन) शिवेंद्र शुक्ला ने इस संबंध में सभी जोनल रेलवे को पत्र जारी कर दिया है। इस नई व्यवस्था के तहत ट्रेन के चलने वाले स्टेशन से लेकर बीच के स्टेशनों तक यह नियम समान रूप से लागू रहेगा।

 

अगर किसी ट्रेन में स्लीपर क्लास में सामान्य कोटा 20 सीटों का है तो बुकिंग के बाद सिर्फ 5 या 6 वेटिंग टिकट ही जारी होंगे। इसी तरह थर्ड एसी में 10 सीटों के सामान्य कोटे पर लगभग 2-3 ही वेटिंग टिकट मिलेंगे।

 

गंगा-सतलज, धनबाद-अलेप्पी एक्सप्रेस, कोलकाता-जम्मूतवी एक्सप्रेस, दून एक्सप्रेस जैसी लंबी दूरी की ट्रेनों में यह नियम लागू होते ही “रिग्रेट” यानी नो रूम की स्थिति दिखने लगी है। राजधानी, दुरंतो जैसी ट्रेनों में भी जून महीने भर के लिए टिकट मिलना मुश्किल हो गया है।

 

रेलवे ने स्पष्ट किया है कि यह व्यवस्था तत्काल कोटे की टिकटों पर भी लागू होगी, यानी वहां भी 25% से अधिक वेटिंग टिकट जारी नहीं किए जाएंगे। हालांकि रियायती टिकट और वारंट टिकट पर यह सीमा नहीं रहेगी। यह नियम छोटे स्टेशनों और रोड साइड स्टेशनों पर भी लागू होगा।

 

अगर गंतव्य स्टेशन तक सीट नहीं मिलती है तो यात्री अगले स्टेशन तक का टिकट बुक कर सकते हैं। जैसे धनबाद से बरेली जाना हो और बरेली तक नो रूम हो, तो सहारनपुर तक का टिकट बुक किया जा सकता है। हालांकि इससे किराया ज्यादा चुकाना पड़ेगा। सेकेंड एसी में बरेली का किराया 1840 रुपये है जबकि सहारनपुर के लिए 2155 रुपये देने होंगे।