रांची: प्रशासन की कड़ी पहरेदारी और रोक-टोक के बावजूद रविवार को नगड़ी स्थित रिम्स-2 की प्रस्तावित ज़मीन पर आदिवासी समुदाय के लोग धान की रोपाई करने पहुंचे। पारंपरिक गीत-संगीत और नृत्य के बीच ग्रामीणों ने “हल चलाओ, रोपा रोपो” अभियान की शुरुआत की।

सुबह से ही पुलिस प्रशासन ने इस कार्यक्रम को रोकने की भरपूर कोशिश की। पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को हाउस अरेस्ट कर दिया गया और उन्हें घर से बाहर निकलने नहीं दिया गया। वहीं, उनके बेटे बाबूलाल सोरेन को पुलिस ने तमाड़ से हिरासत में लिया।
इसके बावजूद हज़ारों की संख्या में ग्रामीण रांची के विभिन्न इलाकों से नगड़ी पहुंचे और खेतों में उतरकर रोपाई शुरू कर दी। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले तक छोड़े, लेकिन प्रदर्शनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं हुए।
गौरतलब है कि रिम्स-2 परियोजना के लिए अधिग्रहीत ज़मीन पर आदिवासी समुदाय लंबे समय से विरोध कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यह ज़मीन उनकी खेती-बाड़ी और जीवनयापन का आधार है, इसलिए इसे छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता।
आज के घटनाक्रम ने एक बार फिर से नगड़ी ज़मीन विवाद को सुर्खियों में ला दिया है। एक ओर प्रशासन विकास योजनाओं पर ज़ोर दे रहा है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण अपनी पारंपरिक ज़मीन और अधिकार बचाने के लिए आंदोलनरत हैं।