आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत इलाज करवा रहे रोगियों को जल्द ही बड़ा झटका लग सकता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर इस गंभीर विषय पर चिंता जाहिर की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने अगले एक सप्ताह के भीतर ठोस पहल नहीं की, तो योजना के तहत मिलने वाला मुफ्त इलाज पूरी तरह से बंद हो सकता है।

पूर्वी सिंहभूम जिले में वर्तमान में 40 से अधिक निजी अस्पताल आयुष्मान योजना से जुड़कर सेवाएं दे रहे हैं। इन अस्पतालों में रोजाना सैकड़ों मरीजों का इलाज होता है, जिनमें कैंसर, किडनी फेल्योर और हृदय रोग जैसे गंभीर मामलों के मरीज शामिल हैं। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि इन जटिल बीमारियों का इलाज किसी भी स्थिति में रोका नहीं जा सकता, लेकिन मौजूदा हालात में उन्हें भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
आईएमए और हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक सरकार बकाया भुगतान, पैकेज रेट संशोधन और प्रक्रियागत सरलता जैसे मुद्दों को हल नहीं करती, तब तक अस्पतालों के लिए आयुष्मान योजना को जारी रखना संभव नहीं होगा।
उन्होंने सरकार से अविलंब हस्तक्षेप करने की मांग की है, ताकि योजना से जुड़े मरीजों को इलाज मिलना जारी रहे और अस्पतालों पर आर्थिक बोझ न बढ़े। आने वाले सप्ताह इस योजना की दिशा तय करेगा और यदि समाधान नहीं निकला, तो हजारों मरीजों की जिंदगी पर असर पड़ सकता है।