नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली सोमवार को उस वक्त दहल उठी जब लाल किले के पास खड़ी एक ईको वैन में हुए भीषण धमाके ने पूरे इलाके में अफरा-तफरी मचा दी। अब जांच एजेंसियों की शुरुआती रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यह सिर्फ एक बम धमाका नहीं, बल्कि 26/11 जैसी बड़े पैमाने की आतंकी साजिश थी। सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों ने देश की राजधानी दिल्ली, गुरुग्राम और फरीदाबाद को एक साथ निशाने पर लेने की योजना बनाई थी और इसके लिए करीब 200 बम तैयार किए गए थे।

जांच में शामिल एनआईए और दिल्ली पुलिस की विशेष टीमों को घटनास्थल से कई संदिग्ध सामग्री और डिजिटल डिवाइस मिले हैं, जिनमें दिल्ली के कई भीड़भाड़ वाले इलाकों के नक्शे और वीडियो रिकॉर्डिंग पाई गई है। प्रारंभिक जांच से संकेत मिले हैं कि धमाके में इस्तेमाल विस्फोटक हाई-ग्रेड आरडीएक्स था। सुरक्षा एजेंसियां इसे सीमा पार से भेजे गए आतंकी नेटवर्क से जोड़कर देख रही हैं।
खुफिया सूत्रों के अनुसार, यह साजिश दिल्ली में एक साथ कई जगहों पर धमाके करने की थी ताकि देश में दहशत फैल सके। सौभाग्य से सुरक्षा बलों की तत्परता और सतर्कता के कारण बड़ी तबाही टल गई। हालांकि, इस धमाके में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हैं, जिनमें कुछ की हालत नाजुक बताई जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो इस समय भूटान के दौरे पर थे, घटना की जानकारी मिलते ही भारत लौट आए और सीधे राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे। उन्होंने घायलों से मुलाकात की और डॉक्टरों को सर्वोत्तम उपचार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री ने कहा, “यह मानवता पर हमला है, दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।”
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने भी उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है, जिसमें गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्रालय और खुफिया एजेंसियों के अधिकारी शामिल हुए। बैठक में तीनों शहरों – दिल्ली, गुरुग्राम और फरीदाबाद – में सुरक्षा और निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
पूरे देश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। रेलवे स्टेशन, मेट्रो और हवाई अड्डों पर सुरक्षा जांच सख्त कर दी गई है। पुलिस ने जनता से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति की सूचना तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को दें।