नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में सोमवार शाम हुए लाल किला धमाके का भयावह मंजर धीरे-धीरे सामने आ रहा है। जांच एजेंसियों ने बताया है कि इस भीषण विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। मंगलवार सुबह जांच के दौरान एक शव पास के पेड़ पर लटका हुआ मिला, जिससे यह खुलासा हुआ कि धमाके की तीव्रता कितनी खतरनाक थी।

जानकारी के अनुसार, 10 नवंबर 2025 की शाम करीब 6:55 बजे लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास खड़ी एक हुंडई i20 कार में जोरदार विस्फोट हुआ। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि 5 से 10 किलोग्राम विस्फोटक के बराबर इसकी ताकत बताई जा रही है। धमाके की वजह से आसपास खड़ी कई गाड़ियां जलकर खाक हो गईं, और पास के दुकानों व मेट्रो स्टेशन की खिड़कियों के शीशे चकनाचूर हो गए।
घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीदों ने बताया कि “धमाका इतना जोरदार था कि कुछ सेकंड के लिए ऐसा लगा जैसे भूकंप आ गया हो।” चारों ओर आग की लपटें और धुएं का गुबार छा गया। कई लोगों के शरीर के अंग इधर-उधर बिखरे पड़े मिले, जिससे कई शवों की अब तक पहचान नहीं हो पाई है।
जांच एजेंसियों को मंगलवार सुबह उस समय बड़ा झटका लगा जब साक्ष्य एकत्रित करने के दौरान एक पेड़ पर लटकी लाश नजर आई। प्रारंभिक जांच में पता चला कि धमाके की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि एक व्यक्ति का शव हवा में उछलकर पेड़ पर जा अटका। इसके बाद शव को नीचे उतारा गया और फॉरेंसिक टीम ने डीएनए जांच के लिए सैंपल लिया है ताकि मृतक की पहचान की जा सके।
इस घटना में अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 24 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। घायलों का इलाज दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में जारी है, जिनमें कई की हालत नाजुक है।
धमाके की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई है। गृह मंत्रालय ने इसे “आतंकी हमले की आशंका” के तौर पर गंभीरता से लेते हुए सुरक्षाबलों को सतर्क कर दिया है। घटना स्थल से बरामद कार के मलबे, धातु के टुकड़ों और विस्फोटक अवशेषों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
इस बीच दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। मेट्रो स्टेशनों, धार्मिक स्थलों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है। राजधानी एक बार फिर दहशत में है, और लोग यह सवाल पूछ रहे हैं — आखिर देश की राजधानी में इतना बड़ा धमाका कैसे हो गया?