देवघर: जिले के मार्गोमुण्डा प्रखंड अंतर्गत बोरोटाड गांव में सोमवार को एक ऐसा मामला सामने आया जिसने पूरे इलाके को हैरत में डाल दिया। गांव की एक महिला ने ऐसे बच्चे को जन्म दिया जिसकी केवल एक ही आंख थी और नाक नहीं थी। यह विचित्र शारीरिक बनावट देखकर परिवार के साथ-साथ पूरे गांव में सनसनी फैल गई। हालांकि जन्म के कुछ ही घंटों बाद बच्चे की मौत हो गई, जिससे परिजनों में मातम छा गया।

परिजनों के मुताबिक, प्रसव सामान्य तरीके से हुआ था। लेकिन जब बच्चे को देखा गया तो उसकी स्थिति देखकर सभी दंग रह गए। बच्चे के चेहरे पर केवल एक ही आंख थी जो माथे के बीचों-बीच थी और नाक पूरी तरह से अनुपस्थित थी। इस असामान्य स्थिति को देख परिजनों और गांव के लोगों में डर और जिज्ञासा दोनों पैदा हो गई। कुछ लोगों ने इसे ईश्वर का चमत्कार बताया, तो कुछ ने इसे वैज्ञानिक कारणों से जुड़ा हुआ माना।
घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के लोग बड़ी संख्या में बच्चे को देखने के लिए पहुंचे। थोड़े ही समय में गांव में मेले जैसा माहौल बन गया। लेकिन बच्चे की हालत नाजुक थी और जन्म के कुछ घंटे बाद ही उसने दम तोड़ दिया। बच्चे की मौत के बाद परिजन शोक में डूब गए।
चिकित्सकों का कहना है कि यह मामला साइक्लोपिया नामक दुर्लभ जन्मजात विकार से जुड़ा हो सकता है। इस स्थिति में भ्रूण के दिमाग और चेहरे का विकास सामान्य रूप से नहीं हो पाता, जिसके कारण केवल एक ही आंख बनती है और नाक विकसित नहीं हो पाती। यह समस्या अत्यंत दुर्लभ होती है और अक्सर ऐसे बच्चे जन्म के बाद अधिक समय तक जीवित नहीं रह पाते।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं और नियमित जांच क्यों नहीं मिल पातीं। अगर समय-समय पर सोनोग्राफी और आवश्यक जांच कराई जाती तो शायद इस असामान्य स्थिति का पता पहले लगाया जा सकता था।