जमशेदपुर: सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विकास कार्यालय (एमएसएमई-डीएफओ), रांची की ओर से साकची स्थित ई-डिजिटल इंडिया में गुरुवार को उद्यमिता सह कौशल विकास कार्यक्रम (ईएसडीपी) का शुभारंभ किया गया। छह सप्ताह तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 25 प्रतिभागी शामिल हैं, जिन्हें कंप्यूटर हार्डवेयर, नेटवर्किंग एवं साइबर सिक्यूरिटी के क्षेत्र में गहन और व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।

कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को आधुनिक तकनीकी कौशल से लैस कर स्वरोजगार और स्टार्टअप की दिशा में आगे बढ़ने के लिए सक्षम बनाना है। उद्घाटन सत्र में ई-डिजिटल इंडिया के निदेशक श्री रामकृष्ण ठाकुर ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला।
ईएसडीपी योजना के तहत कार्यक्रम का संयुक्त रूप से शुभारंभ एमएसएमई विकास कार्यालय, रांची के सहायक निदेशक (आईईडीएस) श्री सुरेंद्र शर्मा एवं श्री शंकर लाल मीना ने किया। इस अवसर पर बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधक श्री चंद्रकांत ने उद्यमियों के लिए उपलब्ध विभिन्न ऋण एवं वित्तीय सहायता योजनाओं की जानकारी दी।
अपने संबोधन में श्री सुरेंद्र शर्मा ने एमएसएमई की विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि ऐसे कौशल विकास कार्यक्रम युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने प्रतिभागियों से उद्यमिता अपनाने और नवाचार के माध्यम से देश के विकास में योगदान देने का आह्वान किया। वहीं श्री शंकर लाल मीना ने डीसी एमएसएमई कार्यालय की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए स्व-उद्यमिता के लाभों को रेखांकित किया।
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि उद्यमिता ही विकसित भारत के निर्माण की कुंजी है और युवाओं को स्टार्टअप संस्कृति को अपनाकर आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करना चाहिए।