जमशेदपुर: कोल्हान विश्वविद्यालय एक बार फिर विवादों के घेरे में है। सत्र 2017 से लेकर 2024 तक ग्रेजुएशन कर चुके हजारों छात्रों की GE-1 और GE-2 विषयों की परीक्षा विश्वविद्यालय ने कभी आयोजित ही नहीं की, और अब जब दबाव में आकर परीक्षा करवाने का फैसला लिया है, तो छात्रों को “इच्छुक छात्र शामिल हो सकते हैं” जैसा गैरजिम्मेदार नोटिस थमाकर और 480 रुपये का शुल्क वसूलकर दोबारा मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है।

युवा जदयू के छात्रों ने किया प्राचार्य का घेराव
इस मुद्दे को लेकर बुधवार को युवा जदयू के नेतृत्व में दर्जनों छात्रों ने जमशेदपुर के एक महाविद्यालय में प्राचार्य का घेराव किया और पांच प्रमुख मांगों को सामने रखा। युवा जदयू नेता हेमंत पाठक ने कहा कि यह मामला छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ और आर्थिक दोहन का है।
छात्रों की प्रमुख मांगें:
1. पहले ही परीक्षा शुल्क देने के बाद अब 480 रुपये की दोबारा वसूली क्यों? यह शुल्क माफ किया जाए।
2. नए मार्कशीट की जगह पुरानी मार्कशीट को अपडेट किया जाए ताकि छात्रों को कहीं भी प्रमाण पत्र दिखाने में फजीहत न हो।
3. क्या यह नोटिस पूरे सात वर्षों के छात्रों तक सही तरीके से पहुंचा भी है या नहीं? इसकी जानकारी सार्वजनिक की जाए।
4. बिना तैयारी परीक्षा लेना अन्याय है, छात्रों को तैयारी का समय दिया जाए और फेल होने पर दोबारा अवसर सुनिश्चित किया जाए।
5. जिन छात्रों ने CLC और माइग्रेशन ले लिया है, उनके लिए क्या यह परीक्षा मान्य होगी? इसकी स्पष्ट जानकारी दी जाए।
छात्रों का कहना है कि पुराने मार्कशीट में GE विषय शामिल नहीं होने से उनकी डिग्री अपूर्ण मानी जा सकती है और बाहर के विश्वविद्यालयों या नौकरी में उनके प्रमाण पत्र को “फर्जी” समझा जा सकता है, जिससे भविष्य में उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। छात्रों ने मांग की है कि कुलपति स्वयं हस्तक्षेप करें और इस गड़बड़ी को सुधारने के लिए ठोस फैसला लें, अन्यथा छात्र संगठन आंदोलन के लिए बाध्य होगा।
घेराव में शामिल प्रमुख छात्र नेता: हेमंत पाठक, साहेब बागती, जगदीप सिंह, सरफुद्दीन उर्फ बाबू, अंजलि कुमारी, संगीता कुमारी, पार्वती कुमारी, पूजा कुमारी, आरोही कुमारी, सपना कुमारी, अमन कुमार, शंकर कुमार, बलदेव कुमार, सूरज कुमार, राह कुमार, मनोज कुमार समेत सैकड़ों छात्र-छात्राएं शामिल रहे।