जामताड़ा: झारखंड के जामताड़ा जिले से स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का एक गंभीर और चिंताजनक मामला सामने आया है। जिले के सबसे व्यस्त सार्वजनिक स्थल गांधी मैदान में खून जांच के लिए उपयोग की गई हजारों शीशियां खुलेआम फेंकी मिली हैं। इन ब्लड सैंपलों को नष्ट करने के बजाय खुले में फेंक दिए जाने से न केवल बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट नियमों का उल्लंघन हुआ है, बल्कि संक्रमण फैलने का गंभीर खतरा भी बढ़ गया है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि कई दिनों से मैदान में इन शीशियों का ढेर लगा हुआ है, जिससे आसपास दुर्गंध फैल रही है। सुबह और शाम को टहलने आने वाले लोग इन सैंपलों को देखकर दहशत में हैं। बच्चों के खेलने का यह मैदान अब संक्रमण का केंद्र बनता जा रहा है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को बार-बार शिकायत करने के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
इन ब्लड सैंपलों पर अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों के नाम लिखे होने से यह साफ हो गया है कि इन्हें किसी सरकारी या निजी जांच केंद्र से लाकर यहां फेंका गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मेडिकल वेस्ट में संक्रमित रक्त, वायरस और बैक्टीरिया मौजूद हो सकते हैं जो सीधे तौर पर मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए सिविल सर्जन डॉ. आनंद मोहन सोरेन ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा, “यह बेहद गंभीर मामला है। किसी भी परिस्थिति में मेडिकल वेस्ट को सार्वजनिक स्थान पर फेंकना बायोमेडिकल वेस्ट (मैनेजमेंट एंड हैंडलिंग) रूल्स, 2016 का उल्लंघन है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय समाजसेवी संगठनों ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। नागरिकों का कहना है कि अगर जल्द सफाई नहीं की गई और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे जिला मुख्यालय के समक्ष प्रदर्शन करेंगे।
फिलहाल, प्रशासन की एक टीम मौके पर पहुंची है और पूरे क्षेत्र की सफाई का कार्य शुरू कर दिया गया है। लेकिन इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग की जवाबदेही और निगरानी प्रणाली पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है।