रुद्रप्रयाग जनपद के बड़ासू क्षेत्र में एक बड़ा हादसा टल गया जब केदारनाथ जा रहा एक हेलिकॉप्टर तकनीकी गड़बड़ी के कारण अचानक सड़क पर आपात लैंडिंग करने को मजबूर हुआ। क्रिस्टल एविएशन कंपनी का यह हेलिकॉप्टर श्रद्धालुओं को लेकर केदारनाथ धाम की ओर रवाना हुआ था, लेकिन उड़ान के कुछ ही देर बाद तकनीकी समस्या सामने आई।

पायलट ने समय रहते सूझबूझ दिखाते हुए हेलिकॉप्टर को सुरक्षित रूप से बड़ासू के पास सड़क पर उतार दिया। हेलिकॉप्टर में कुल सात लोग सवार थे, जिनमें पांच यात्री, एक पायलट और एक सह-पायलट शामिल थे। घटना में सह-पायलट को मामूली चोटें आई हैं जबकि अन्य सभी लोग सुरक्षित बताए जा रहे हैं।
हेलिकॉप्टर ने सिरसी हेलीपैड से उड़ान भरी थी और टेकऑफ के कुछ समय बाद ही तकनीकी खराबी के चलते सड़क पर एहतियातन लैंडिंग करनी पड़ी। सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई और सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया।
यूकाडा की सीईओ सोनिका ने पुष्टि की है कि क्रिस्टल एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के हेलिकॉप्टर ने उड़ान के दौरान एहतियातन सड़क पर लैंडिंग की है। इस घटना में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि मामले की जानकारी DGCA (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) को दे दी गई है। अन्य सभी शटल सेवाएं पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सामान्य रूप से संचालित हो रही हैं।
पिछले महीने भी हुई थी हेलिकॉप्टर दुर्घटना
यूकाडा की सीईओ सोनिका ने पुष्टि की है कि क्रिस्टल एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के हेलिकॉप्टर ने उड़ान के दौरान एहतियातन सड़क पर लैंडिंग की है। इस घटना में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि मामले की जानकारी DGCA (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) को दे दी गई है। अन्य सभी शटल सेवाएं पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सामान्य रूप से संचालित हो रही हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले पिछले माह भी केदारनाथ में एक हेलिकॉप्टर हादसा हो चुका है। ऋषिकेश एम्स की हेली एम्बुलेंस केदारनाथ में लैंडिंग के समय दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इसके अलावा 8 मई को गंगोत्री धाम जा रहा एक अन्य हेलिकॉप्टर गंगनानी के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। उस दर्दनाक हादसे में पांच महिलाओं समेत कुल छह लोगों की मौत हो गई थी, जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ था। गंगनानी में हुई दुर्घटना इतनी भीषण थी कि हेलिकॉप्टर के दो टुकड़े हो गए थे और दो शव हेलिकॉप्टर के अंदर ही फंस गए थे, जिन्हें निकालने के लिए हेलिकॉप्टर के हिस्सों को काटना पड़ा था। साथ ही करीब 200 मीटर गहरी खाई में चलाया गया रेस्क्यू ऑपरेशन काफी चुनौतीपूर्ण रहा था।