जमशेदपुर: देश की दिग्गज वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स अपने संगठनात्मक ढांचे में बड़ा बदलाव करने जा रही है। 1 अक्टूबर 2025 से कंपनी का संचालन दो अलग-अलग कंपनियों के रूप में होगा। जमशेदपुर का “मदर प्लांट” अब केवल वाणिज्यिक वाहनों के उत्पादन पर केंद्रित रहेगा और इसका नया नाम टाटा मोटर्स कॉमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड होगा।

इस नई व्यवस्था में लगभग 8,500 कर्मचारी सीधे तौर पर वाणिज्यिक वाहन कंपनी से जुड़े रहेंगे। वहीं यात्री वाहनों के लिए एक अलग प्रबंधन टीम और स्वतंत्र संचालन प्रणाली बनाई जाएगी। अधिकारियों की रिपोर्टिंग संरचना भी दोनों कंपनियों के हिसाब से बदली जाएगी।
गौरतलब है कि टाटा मोटर्स का जमशेदपुर प्लांट 1945 में स्थापित हुआ था और इसे कंपनी का पहला तथा सबसे पुराना मैन्युफैक्चरिंग यूनिट माना जाता है। यह लंबे समय से वाणिज्यिक वाहनों के उत्पादन का मुख्य केंद्र भी रहा है।
नई व्यवस्था लागू होने के बाद टाटा मोटर्स के वाणिज्यिक और यात्री वाहन खंड न केवल बाजार में अपनी-अपनी रणनीति पर बेहतर फोकस कर पाएंगे, बल्कि स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में भी दोनों की अलग-अलग लिस्टिंग होगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम टाटा मोटर्स की रणनीतिक मजबूती और बाजार प्रतिस्पर्धा को और बढ़ाएगा।