गाली बन गई होमवर्क! शिक्षक की तुगलकी सजा से अभिभावक आक्रोशित

धनबाद से एक चौंकाने वाली और शर्मनाक खबर सामने आई है, जिसने झारखंड की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शहर के प्रतिष्ठित माने जाने वाले सेंट मैरी चर्च स्कूल में चौथी कक्षा के एक छात्र को शिक्षक द्वारा गाली-गलौज लिखने की सजा दी गई, वह भी 15 से 20 पन्नों में।

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मामला तब सामने आया जब बच्चे के अभिभावकों ने शिकायत करते हुए बताया कि शिक्षक ने क्लासवर्क और होमवर्क दोनों में गाली-गलौज की पंक्तियाँ लिखवाने का फरमान जारी किया। इस घटना की जानकारी मिलते ही अभिभावकों में भारी आक्रोश फैल गया।

 

अभिभावकों का कहना है कि वह अपने बच्चों को स्कूल शिक्षा और संस्कार देने के लिए भेजते हैं, न कि गाली-गलौज जैसे अमर्यादित शब्द सीखने के लिए। इस तरह की मानसिकता और सजा पद्धति न केवल अनुचित है, बल्कि बच्चों के मानसिक विकास पर भी विपरीत प्रभाव डाल सकती है।

 

इस मामले को लेकर चाइल्ड वेलफेयर कमिटी ने भी संज्ञान ले लिया है और जांच शुरू कर दी गई है। कमिटी ने स्कूल प्रशासन से इस पूरे प्रकरण पर स्पष्टीकरण मांगा है। स्कूल प्रबंधन फिलहाल इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है, लेकिन स्थानीय स्तर पर विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। कई अभिभावकों ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी है।

अभिभावकों की मांग:

दोषी शिक्षक पर तत्काल कार्रवाई हो, स्कूल प्रबंधन सार्वजनिक रूप से माफी मांगे, बच्चों को मानसिक उत्पीड़न से बचाने के लिए उचित दिशा-निर्देश जारी हों, शिक्षा विभाग की चुप्पी पर भी सवाल

 

इस घटना के बाद शिक्षा विभाग की चुप्पी भी लोगों को खटक रही है। लोगों का कहना है कि जब तक शिक्षा विभाग ऐसे मामलों में सख्त कदम नहीं उठाएगा, तब तक शिक्षा का स्तर गिरता ही रहेगा।