घाटशिला: झारखंड की राजनीति में इन दिनों घाटशिला विधानसभा उपचुनाव चर्चा का मुख्य केंद्र बना हुआ है। 11 नवंबर को होने वाले मतदान से पहले हर राजनीतिक दल अपने-अपने उम्मीदवार के समर्थन में पूरी ताकत झोंक रहा है। एक ओर झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) से दिवंगत शिक्षा मंत्री स्व. रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश चंद्र सोरेन चुनावी मैदान में हैं, वहीं भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के करीबी बाबुलाल सोरेन को प्रत्याशी बनाकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है।

इन सबके बीच, झामुमो के पोटका विधायक संजीव सरदार इन दिनों इलाके के सबसे सक्रिय नेताओं में गिने जा रहे हैं। पिछले 25 दिनों से वे घाटशिला क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में लगातार जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं और खासकर भूमिज-मुंडा समाज के मतदाताओं से सीधा संवाद कर रहे हैं। उनकी यह सक्रियता अब चुनावी समीकरणों में बड़ा बदलाव लाती दिख रही है।
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, घाटशिला, मुसाबनी, धालभूमगढ़ और गुड़ाबांधा प्रखंडों में करीब 35 हजार से अधिक भूमिज-मुंडा मतदाता हैं, जो इस चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। पहले यह समाज मुख्य रूप से भाजपा के समर्थन में वोट करता था, लेकिन इस बार झामुमो की ओर झुकाव देखा जा रहा है।
गांव-गांव में विधायक सरदार का जोश और जनसंपर्क देखने लायक है। घाटशिला, झाटी झरना, गुड़ाझोर, बड़ा खुर्शी, उल्दा, महुलीशोल, आमदा, कोकपाड़ा, मुदासौली, ईचड़ा, फॉरेस्ट ब्लॉक और मुचरीशोल जैसे गांवों में उनका स्वागत समाज के लोगों ने गर्मजोशी से किया।
भूमिज समाज के वरीय पदाधिकारी शुभंकर सिंह सरदार ने कहा, “झामुमो ने हमारे समाज से एक युवा और ऊर्जावान विधायक को आगे बढ़ाकर हमें सम्मान दिया है। संजीव सरदार समाज के गौरव हैं और उनके नेतृत्व में समाज को राजनीतिक पहचान मिली है। इस बार पूरा समाज झामुमो के साथ मजबूती से खड़ा है।”
वहीं, विधायक संजीव सरदार ने अपने संबोधन में कहा कि, “मुझे इस चुनाव प्रचार के दौरान समाज के हर वर्ग से अपार स्नेह और समर्थन मिला है। भूमिज समाज के मान-सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा के लिए झामुमो प्रत्याशी सोमेश चंद्र सोरेन को भारी मतों से विजयी बनाना ही समाज की एकजुटता का संदेश होगा।”