इंटर्नशिप बनी जोखिम भरा सफर: जमशेदपुर की B.Ed छात्राएं दुर्गम इलाकों में भेजी जा रहीं, सुरक्षा पर सवाल

जमशेदपुर की B.Ed छात्राओं के लिए इंटर्नशिप अब सीखने का नहीं, बल्कि जान जोखिम में डालने का अनुभव बन गई है। शहर के जमशेदपुर विमेंस यूनिवर्सिटी में B.Ed 2 सेमिस्टर में कॉलेजों में पढ़ रही छात्राओं को इंटर्नशिप के लिए ऐसे दुर्गम और सुदूरवर्ती स्कूलों में भेजा जा रहा है, जहां पहुंचना बेहद मुश्किल है। छात्रों ने अपनी मांगो को लेकर जमशेदपुर के उपायुक्त कार्यालय पहुंच कर इंटर्नशिप में दिए गए स्कूलों को बदलकर अपने क्षेत्र से 15 किलोमीटर के अंदर स्कूलों में देने की मांग रखी। 

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छात्राओं का कहना है कि न तो इन जगहों पर सही सड़कों की सुविधा है और न ही मोबाइल नेटवर्क की। कई बार तो जंगल और पहाड़ी रास्तों से पैदल चलकर स्कूल तक पहुंचना पड़ता है। कुछ इलाकों को तो गूगल मैप पर भी ढंग से नहीं दर्शाया गया है।

सुरक्षा पर उठे सवाल

छात्राओं ने बताया कि दूर-दराज के इलाकों में जाने के दौरान उन्हें असुरक्षा का लगातार डर बना रहता है। परिवहन का कोई नियमित साधन न होने के कारण उन्हें कभी-कभी स्थानीय वाहनों या पैदल ही सफर करना पड़ता है, जो विशेष रूप से महिला छात्रों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

परिजनों की चिंता और प्रशासन की चुप्पी

छात्राओं के परिजन भी इस स्थिति से बेहद चिंतित हैं। उन्होंने प्रशिक्षण संस्थानों और जिला प्रशासन से पुनर्विचार की मांग की है, ताकि इंटर्नशिप की प्रक्रिया को सुरक्षित और व्यावहारिक बनाया जा सके। लेकिन अब तक इस मामले में किसी भी स्तर पर कोई ठोस पहल नहीं की गई है।

छात्राओं की अपील

छात्राओं का कहना है कि वे इंटर्नशिप करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, लेकिन इसे इस प्रकार संचालित किया जाए जिससे उनकी सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित हो सके। वे चाहती हैं कि उन्हें ऐसे स्कूलों में भेजा जाए जो सुरक्षित और सुगम हों। यदि प्रशासन ने जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया, तो यह न केवल छात्राओं की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ होगा, बल्कि उनकी शिक्षा और मनोबल पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा।