Jamshedpur: चोरी की मोटरसाइकिल बेचने वाले 4 युवकों की गिरफ्तारी, जानिए कैसे पकड़े गए

Jamshedpur: साकची पुलिस ने वाहन चोरी के मामले में बड़ी सफलता प्राप्त की है। पुलिस ने चार युवकों को गिरफ्तार किया है, जो चोरी की मोटरसाइकिलों की खरीद-बिक्री करने की योजना बना रहे थे। इन युवकों को पकड़े जाने के बाद पुलिस ने उनके निशानदेही पर सात मोटरसाइकिल भी बरामद की हैं। इस सफलता को लेकर सिटी डीएसपी सुनील चौधरी ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूरा घटनाक्रम बताया।

कैसे पकड़े गए आरोपी?

गिरफ्तारी के बाद जब इन युवकों से पूछताछ की गई, तो पता चला कि वे जुबिली पार्क, बिष्टुपुर और घाघीडीह जेल के पास से मोटरसाइकिल चुराते थे। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर कुल सात चोरी की मोटरसाइकिलें बरामद की हैं।

गिरफ्तार अर्जुन सरदार का पुराना रिकॉर्ड

गिरफ्तार हुए आरोपियों में अर्जुन सरदार का नाम खास है क्योंकि वह पूर्व में भी चोरी के मामले में जेल जा चुका है। यह नया मामला परसुडीह थाना क्षेत्र से जुड़े पुराने मामले से संबंधित है, जिसमें उसे चोरी के आरोप में सजा हो चुकी थी। डीएसपी सुनील चौधरी ने बताया कि आरोपी मोटरसाइकिलों को चुराने के बाद उन्हें एक खंडहरनुमा क्वार्टर में छुपा कर रखते थे, जहां से वे बेचने की योजना बना रहे थे।

चोरी के बाद कहां रखते थे बाइकें?

मोटरसाइकिलों को चोरी करने के बाद आरोपियों ने उन्हें छुपाने के लिए एक खंडहरनुमा क्वार्टर का सहारा लिया था। यह क्वार्टर पूरी तरह से जंगली और सुनसान जगह पर स्थित था, जिससे पुलिस को बाइकें छुपाने का पता लगाने में थोड़ा समय लगा। डीएसपी ने कहा कि यह अपराध एक सुनियोजित तरीका था, जिसमें आरोपी बाइक चुराने के बाद उसे बेचने के लिए विभिन्न जगहों पर ले जाते थे।

गिरोह के अन्य सदस्य भी पकड़े जाएंगे

साकची पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि इस गिरोह के अन्य सदस्यों का भी पता लगाया जा रहा है। पुलिस ने पूरे मामले में और गहरी जांच शुरू कर दी है ताकि इस अपराध में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जा सके।

आगे की कार्रवाई

गिरफ्तार युवकों को पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस टीम अब मामले में और विस्तार से जांच कर रही है। मोटरसाइकिल चोरी और उसकी बिक्री करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है ताकि ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके।

इतिहास में वाहन चोरी का बढ़ता मामला

भारतीय शहरों में वाहन चोरी की घटनाएं आम होती जा रही हैं। खासकर उन क्षेत्रों में जहां वाहन चोरी का एक संगठित गिरोह काम करता है। इस मामले में भी हम देख सकते हैं कि चोरी के बाद मोटरसाइकिलों को छुपाने और बेचने के लिए एक पूरा नेटवर्क था। ऐसे गिरोह पुलिस के लिए हमेशा चुनौतीपूर्ण होते हैं क्योंकि वे चोरी के बाद मोटरसाइकिलों की बिक्री को विभिन्न जगहों पर छिपा कर करते हैं।

इस तरह के मामलों में पुलिस की तत्परता और सटीक जानकारी की अहम भूमिका होती है, जैसे कि इस मामले में एसएसपी को मिली गुप्त सूचना की वजह से ये आरोपी पकड़े जा सके।