जमशेदपुर में प्रशासन का ‘ग्रीन कॉरिडोर’ फेल — मानगो से एमजीएम अस्पताल तक जाम में फंस रही हैं एंबुलेंसें, मरीजों की जिंदगी खतरे में!

जमशेदपुर: जिला प्रशासन द्वारा मरीजों को समय पर अस्पताल तक पहुंचाने के उद्देश्य से तैयार किया गया ग्रीन कॉरिडोर सिस्टम अब खुद परेशानी का कारण बन गया है। मानगो से साकची और डिमना तक एमजीएम अस्पतालों के बीच एंबुलेंस के सुगम आवागमन के लिए बनाया गया यह कॉरिडोर अब पूरी तरह फेल होता नजर आ रहा है। लगातार बढ़ते ट्रैफिक जाम और अव्यवस्थित व्यवस्था के कारण मरीजों को समय पर उपचार नहीं मिल पा रहा है।

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दरअसल, मानगो में फ्लाईओवर का निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है। इस वजह से पूरे इलाके में ट्रैफिक का दबाव कई गुना बढ़ गया है। जिला प्रशासन ने इस स्थिति को देखते हुए छोटे पुल को चार पहिया वाहनों के लिए बंद कर उसे केवल एंबुलेंसों और दो पहिए वाहनों के लिए ग्रीन कॉरिडोर घोषित किया था। इसका उद्देश्य यह था कि डिमना स्थित नए एमजीएम अस्पताल तक एंबुलेंस बिना किसी रुकावट के पहुंच सके।

 

लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल उलट है। छोटे पुल और उसके आस-पास का इलाका आए दिन जाम की चपेट में रहता है। कई बार एंबुलेंसें घंटों तक ट्रैफिक में फंसी रह जाती हैं। मानगो के स्थानीय लोग और एंबुलेंस चालकों का कहना है कि ग्रीन कॉरिडोर का सही रखरखाव नहीं हो पा रहा है। पुलिस की मौजूदगी नाममात्र की रह गई है, जिससे आम वाहन चालक भी नियमों की अनदेखी करते हैं।

 

एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों ने भी चिंता जताई है कि समय पर मरीज न पहुंच पाने से गंभीर स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं। कई बार जीवन-मृत्यु के बीच फंसे मरीज ट्रैफिक में देरी के कारण जोखिम में पड़ जाते हैं।

 

स्थानीय लोगों की मांग है कि प्रशासन तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था बनाए। फ्लाईओवर कार्य के दौरान ट्रैफिक को बेहतर ढंग से मॉनिटर किया जाए और ग्रीन कॉरिडोर पर पुलिस की तैनाती बढ़ाई जाए।