जमशेदपुर: झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सोमवार को जमशेदपुर के मानगो स्थित डिमना चौक से लेकर एमजीएम अस्पताल के नए भवन तक जिला प्रशासन ने बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। अभियान को सफल बनाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के साथ भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। कार्रवाई के दौरान कई जगहों पर तनाव का माहौल भी देखने को मिला, लेकिन पुलिस की सख्ती के कारण स्थिति नियंत्रण में रही।

कार्रवाई सुबह से ही शुरू कर दी गई थी। प्रशासनिक टीम ने डिमना चौक से लेकर एमजीएम अस्पताल तक फैले अतिक्रमण को हटाने की तैयारी पहले ही कर ली थी। सड़क किनारे और फुटपाथ पर बने दर्जनों अवैध दुकानें और अस्थायी निर्माण इस कार्रवाई की जद में आए। बुलडोज़र चलाकर कई ढांचों को तोड़ा गया, वहीं कुछ लोगों ने खुद ही स्वेच्छा से अपने कब्जे हटा लिए।
कार्रवाई का विरोध भी हुआ। कई लोगों ने प्रशासन के इस कदम पर आपत्ति जताई और विरोध प्रदर्शन किया। विरोध की स्थिति को देखते हुए मौके पर मौजूद पुलिस बल ने सख्त रवैया अपनाया। प्रशासन ने साफ कर दिया कि सरकारी आदेश का उल्लंघन किसी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस दौरान सरकारी कार्य में बाधा डालने वालों के खिलाफ एमजीएम थाना में मामला दर्ज कराया गया। थाना में पदस्थापित एएसआई अमर सिंह राठौड़ के बयान पर प्राथमिकी दर्ज हुई है। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सुमित बेक और गुहीराम सिंह नामक दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
अभियान के दौरान स्थानीय लोगों में हलचल रही। कई दुकान मालिक और घरों के सामने अतिक्रमण करने वाले लोग चिंता में नजर आए। कुछ लोगों ने यह भी कहा कि अचानक की गई कार्रवाई से उन्हें काफी नुकसान हुआ है। वहीं, प्रशासन का कहना है कि इस अभियान की सूचना पहले ही दी गई थी और लोगों को खुद से अवैध निर्माण हटाने का समय दिया गया था। बावजूद इसके कई लोगों ने आदेश का पालन नहीं किया, जिसके बाद सख्ती बरतनी पड़ी।
जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि आने वाले दिनों में शहर के अन्य हिस्सों में भी इस तरह की कार्रवाई की जाएगी। अतिक्रमण हटाओ अभियान का उद्देश्य सड़क और फुटपाथ को आम लोगों के उपयोग के लिए मुक्त कराना है। प्रशासन के अनुसार, अतिक्रमण न केवल यातायात व्यवस्था को बाधित करता है बल्कि आपातकालीन सेवाओं पर भी असर डालता है।
कार्रवाई के बाद डिमना चौक से एमजीएम अस्पताल तक का इलाका पहले की तुलना में खुला और व्यवस्थित दिखाई दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि इस तरह की सख्ती नियमित तौर पर की जाए तो शहर की यातायात समस्या काफी हद तक कम हो सकती है।