जमशेदपुर क्राइम अपडेट: तड़ीपार अपराधी गुड्डू पांडे के घर फायरिंग करने वाला आरोपी आकाश नामता मु़ंगेर से गिरफ्तार, हथियार तस्करी का बड़ा खुलासा

जमशेदपुर: जमशेदपुर पुलिस को उस वक्त बड़ी सफलता मिली जब मानगो के परमजीत गिरोह से जुड़े तड़ीपार अपराधी गुड्डू पांडे के घर पर फायरिंग करने वाले मुख्य आरोपी को बिहार के मु़ंगेर से गिरफ्तार किया गया। मु़ंगेर पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर मंगलवार देर शाम एक संयुक्त अभियान चलाकर उल्टीडीह निवासी आकाश नामता को तीन अन्य साथियों के साथ दबोच लिया। यह कार्रवाई कासिम बाजार थाना क्षेत्र के मिर्जापुर मोहल्ले में की गई।

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पुलिस अधीक्षक सैयद इमरान मसूद के नेतृत्व में एएसटीएफ और थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने छापेमारी की। मौके पर पुलिस को देखते ही एक आरोपी बाइक से फरार हो गया, जबकि कार में बैठे चार युवकों को मौके से पकड़ लिया गया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान आकाश नामता (उल्टीडीह, जमशेदपुर), गौरव कुमार उर्फ राजा सिंह (मानगो), राजू कुमार (मु़ंगेर निवासी अशोक साह का पुत्र) और रामलखन सिंह उर्फ पत्थर सिंह (मु़ंगेर) के रूप में हुई है।

पुलिस ने मौके से एक पिस्टल, 50 जिंदा कारतूस, एक कार, चार मोबाइल फोन और ₹32,480 नकद बरामद किया है। पूछताछ में खुलासा हुआ कि आकाश नामता न केवल गुड्डू पांडे के घर पर हुई फायरिंग में शामिल था, बल्कि हाल ही में हथियार खरीदने के लिए मु़ंगेर पहुंचा था। उसके साथ मौजूद गौरव कुमार उर्फ राजा सिंह पहले से ही आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त है और मानगो क्षेत्र में उसकी पहचान एक कुख्यात अपराधी के रूप में है।

 

पुलिस सूत्रों के अनुसार, हथियारों की डील ₹30,000 में तय की गई थी, जिसमें एक पिस्टल और 50 कारतूस का सौदा हुआ था। मु़ंगेर पुलिस ने बताया कि फरार दो सप्लायरों की पहचान कर ली गई है और उन्हें पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है।

 

एसपी मसूद ने कहा,

“हथियारों की खरीद-बिक्री में शामिल पूरे नेटवर्क की जांच की जा रही है। प्राथमिक जांच से पता चला है कि यह गिरोह जमशेदपुर और आसपास के कई आपराधिक घटनाओं से जुड़ा हुआ है। इस नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने के लिए पुलिस की टीमें दोनों राज्यों में काम कर रही हैं।”

 

पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि गुड्डू पांडे पर फायरिंग के पीछे वास्तविक मकसद क्या था और क्या इस गिरोह के अन्य सदस्य भी किसी बड़े अपराध की साजिश रच रहे थे। मु़ंगेर में की गई यह कार्रवाई न केवल हथियार तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि झारखंड और बिहार के अपराधी कैसे आपसी गठजोड़ के जरिए गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।