झारखंड : सारंडा के 31 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को वाइल्डलाइफ सेंक्चुअरी घोषित

झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले से राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। सरकार ने सारंडा के लगभग 31 हजार हेक्टेयर जंगल क्षेत्र को वाइल्डलाइफ सेंक्चुअरी घोषित करने की औपचारिक मंजूरी दे दी है। इस कदम को न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण बल्कि जैव विविधता और पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक मील का पत्थर माना जा रहा है।

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सारंडा जंगल, जिसे एशिया का सबसे बड़ा साल वन कहा जाता है, लंबे समय तक नक्सली गतिविधियों का गढ़ रहा है। सुरक्षा कारणों से आम लोगों की यहां पहुंच मुश्किल थी। लेकिन बीते कुछ वर्षों में हालात बदले हैं और अब यह इलाका धीरे-धीरे शांति और विकास की ओर बढ़ रहा है। सरकार का मानना है कि इस क्षेत्र को अभयारण्य घोषित करने से वन्यजीवों के लिए सुरक्षित आवास तैयार होगा और साथ ही पर्यटन को भी नई गति मिलेगी।

 

सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस सेंक्चुअरी में हाथी, हिरण, तेंदुआ और बाघ जैसे कई दुर्लभ प्रजातियों के लिए संरक्षित वातावरण तैयार किया जाएगा। वन विभाग ने यहां पर इको-टूरिज्म, निगरानी तंत्र (मॉनिटरिंग सिस्टम) और स्थानीय समुदाय के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि पर्यटन के विकास से स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा और इससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।

 

जानकारों के अनुसार, सारंडा जंगल न केवल झारखंड बल्कि पूरे पूर्वी भारत का सबसे समृद्ध साल वन है। इसकी हरियाली और जैव विविधता अद्वितीय है। पहले नक्सली गतिविधियों के कारण यह क्षेत्र विकास और संरक्षण से वंचित रहा, लेकिन अब परिस्थितियां बदल रही हैं।

 

स्थानीय लोगों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। ग्रामीणों का कहना है कि अभयारण्य बनने से क्षेत्र में शांति कायम होगी, रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यह निर्णय राज्य के पर्यावरण संरक्षण अभियान को नई दिशा देगा और आने वाले समय में सारंडा न केवल प्राकृतिक धरोहर के रूप में बल्कि पर्यटन केंद्र के रूप में भी देशभर में अपनी पहचान बनाएगा।